Bihar Land survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम तेजी से जारी है। वहीं जिन रैयतदारों के पास जमीन के दस्तावेज नहीं है उनके लिए सरकार ने दस्तावेजों का इंतजाम करने के लिए 3 महीने का समय भी दिया गया है। वहीं जमीन सर्वे से लेकर लोगों को कई परेशानी भी हो रही है। जिसे दूर करने की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं कई जिलों से भूमि सर्वेक्षण में गड़बड़ी की खबरे भी सामने आ रही है। जिसे दूर करने के लिए सरकार कई अभियान चला रही है। इसी कड़ी में सरकार अब दाखिल-खारिज से जुड़ी गड़बड़ी को दूर करने के लिए विशेष अभियान चलाएगी। इस अभियान की शुरुआत 15 अक्टूबर के बाद होगी।
दरअसल, सरकार राज्य के सभी 534 अंचल स्तरीय कार्यालयों में मौजूद दाखिल-खारिज से जुड़े सभी रजिस्टर की सघन जांच कराएगी। इस अभियान के तहत जांच की जाएगी कि दस्तावेजों में कोई पन्ना जोड़ा या फाड़ा तो नहीं गया है। अगर रजिस्टर में बीच का कोई पन्ना खाली या अधूरा पड़ा है तो उसे लाल कलम से क्रास कर दिया जाएगा ताकि खाली स्थान में कोई कर्मी गलत तरीके से किसी की जमीन से संबंधित जानकारी भर न सके और न ही इनमें गलत इरादे से किसी तरह की जमीन की जानकारी को अंकित कर सके।
वहीं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर पर इस अभियान के लिए संबंधित पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने से संबंधित दिशा-निर्देश को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रजिस्टर की जांच करने और इसे क्रास करने के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। इसकी निगरानी जिलास्तरीय पदाधिकारी की टीम गठित कर की जाएगी। राज्य स्तर पर निगरानी करने के लिए राजस्व विभाग एक टीम गठित करेगा। इस दौरान अगर किसी अंचल की जमाबंदी रजिस्टर में अधिक गड़बड़ी या छेड़छाड़ पायी गयी तो संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि बिहार में तेजी से जमीन सर्वे का काम जारी है। ऐसे में कई गड़बड़ी औऱ धांधली के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में इन गड़बड़ी को खत्म करने के लिए सरकार अलग अलग नीति बना रही है। जमीन सर्वे के लिए दस्तावेजों को निकलवाने के लिए भू मालिक अंचल स्तरीय कार्यालय पहुंच रहे हैं। ऐसे में अंचल कार्यालय में जमीन के दस्तावेजों से धांधली करने के मामले सामने आ रहे हैं।