Bihar School News: सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत हर बच्चे को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए नीतियां बना रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही ने व्यवस्था को कमजोर कर दिया है। ऐसा ही एक मामला जयनगर नगर पंचायत क्षेत्र के मुकरी टोल स्थित राजकीय प्राथमिक अनुसूचित जाति विद्यालय का सामने आया है।
शिक्षकों की अनुपस्थिति
विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थिति ने शिक्षा व्यवस्था को चरमराने पर मजबूर कर दिया है। एकमात्र शिक्षक अजित कुमार के आकस्मिक अवकाश पर जाने के बाद विद्यालय में पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई।
रसोईया ने ताला जड़ा:
स्थिति इतनी विकट हो गई कि रसोईया को स्कूल पर ताला लगाना पड़ा। विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक करीब 297 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण उनका भविष्य अंधकार में दिख रहा है।
शिक्षा विभाग की लापरवाही
शिक्षक ने शुक्रवार को अवकाश का आवेदन दिया, लेकिन विभाग ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय, अधिकारियों ने मामले को नजरअंदाज किया।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
अमित शर्मा नाम के अभिभावक ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग दलित मुहल्ले में स्थित स्कूल के साथ भेदभाव कर रहा है। बच्चों का भविष्य खतरे में डाल दिया गया है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी की प्रतिक्रिया
प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार ने मामले को गंभीर बताया और जांच का आश्वासन दिया। दोषियों पर कार्रवाई की बात कही गई है। इस बीच, मुजफ्फरपुर जिले के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति प्रक्रिया को लेकर विभाग ने कदम उठाए हैं।
बीईओ और एचएम निर्देश
सभी बीईओ और एचएम को निर्देश दिया गया है कि तीन दिनों के भीतर रिटायर होने वाले शिक्षकों के दस्तावेज जिला कार्यालय में उपलब्ध कराएं।
लापरवाही पर कार्रवाई:
अगर प्रक्रिया में देरी होती है, तो संबंधित बीईओ और एचएम जिम्मेदार होंगे और उन पर कार्रवाई होगी। शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही जैसी समस्याओं को सुलझाने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।