Bihar mid day meal scam: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने जमुई जिले में मध्याह्न भोजन योजना (मिड-डे मील) में बड़ी अनियमितता का खुलासा किया है। इस मामले में दोषी प्रधानाध्यापकों से करीब 10 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया गया है। इन अनियमितताओं को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है और दोषियों के वेतन से हर महीने 10 हजार रुपये काटने का निर्देश जारी किया है।
गड़बड़ी पर विभाग का कड़ा रुख
जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) राजेश कुमार ने बताया कि जांच में मिड-डे मील योजना की राशि का दुरुपयोग सामने आया है। विभाग ने दोषी प्रधानाध्यापकों को पहले नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण वसूली का आदेश जारी किया गया।
किस स्कूल से कितनी वसूली होगी?
शिक्षा विभाग ने जमुई जिले के विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से वसूली की राशि का निर्धारण किया है:
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नवाबगंज: ₹13,192
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिमरिया: ₹83,770
उत्क्रमित मध्य विद्यालय विशनपुर: ₹1,33,241
उत्क्रमित मध्य विद्यालय गुगलडीह उर्दू: ₹61,850
उत्क्रमित मध्य विद्यालय थारघटिया: ₹62,545
उत्क्रमित मध्य विद्यालय गेनाडीह: ₹19,143
उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुरवा: ₹46,561
उत्क्रमित मध्य विद्यालय हिरम्बा: ₹79,401
मध्य विद्यालय बुझायत: ₹41,555
उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू संगथू: ₹1,62,924
उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरला: ₹1,99,202
प्राथमिक विद्यालय नौआडीह: ₹27,704
भविष्य की जांच और कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की गड़बड़ी भविष्य में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सभी स्कूलों की होगी जांच: विभाग ने सभी स्कूलों के मिड-डे मील संचालन की गहन समीक्षा करने का फैसला लिया है।
दोषियों पर सख्त कदम: गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
शिक्षा विभाग में हड़कंप
इस घटना से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई और वसूली के आदेश ने शिक्षकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है।
ट्रांसफर पॉलिसी में भी बदलाव
सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर से जुड़ी नीतियों में भी सुधार करने का फैसला लिया है। इसके तहत DM की अध्यक्षता में कमिटी गठित की गई है। साथ ही, राज्य में 1.5 लाख नए शिक्षकों की भर्ती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।