Bihar News: मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड के बेलबिहमा गांव में एक अनोखी परंपरा है, जो गोवर्धन पूजा के मौके पर मनाई जाती है। इस गांव में गाय और भैंस की प्रदर्शनी के साथ-साथ सूअर और भैंस की लड़ाई का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
गांव के यदुवंशी समाज के लोग इस परंपरा को कई पीढ़ियों से निभाते आ रहे हैं। मान्यता है कि बहुत पहले एक बाबा ने यहां के गायों को भगवान गर्भू बाबा और भैंसों को भगवान लाल बाबा का दर्जा दिया था। तभी से सूअर और भैंस की इस अनोखी लड़ाई का आयोजन होता आ रहा है।
गांव के लोग अपने घरों से पशुओं को लेकर एक मैदान में इकट्ठा होते हैं। पूजा-पाठ के बाद सूअर और भैंस की लड़ाई शुरू होती है। परंपरा के अनुसार, इस लड़ाई में भैंस की जीत हुई थी, जिसके बाद रविदास जाति के लोगों को सूअर दान कर दिया गया था।
आज भी गांव के युवा इस परंपरा को बड़े उत्साह से निभाते हैं। हालांकि, पशुओं की लड़ाई को लेकर पशु कल्याण के मुद्दे भी उठते रहे हैं।
रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान