Bihar Road Construction: बिहार में चार नेशनल हाईवे (एनएच) के लगभग 262 किमी लंबाई में निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन सड़कों के बनने से पटना, औरंगाबाद, सीवान, सीतामढ़ी, मुंगेर, और जमुई समेत कई जिलों के बीच आवागमन आसान होगा। केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से ये परियोजनाएं क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
एनएच परियोजनाओं का विवरण
1. एनएच-139 (पटना-औरंगाबाद)
लंबाई: 155 किमी
लागत: 5500 करोड़ रुपये
स्थिति: केंद्र से मंजूरी लंबित।
क्या है इसके फायदे?
पटना और औरंगाबाद के बीच फोरलेन सड़क निर्माण।
ओबरा, दाउदनगर, और अंबा क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम से मुक्ति।
यातायात में सुगमता और समय की बचत।
2. एनएच-227ए (सीवान-मशरख)
लंबाई: 50 किमी
लागत: 1431.36 करोड़ रुपये
स्थिति: केंद्र से स्वीकृति प्राप्त।
जानें इसके फायदे
फोरलेन निर्माण से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार।
राम-जानकी मार्ग के जरिए अयोध्या और जनकपुर की यात्रा के लिए अलग मार्ग।
धार्मिक स्थलों के श्रद्धालुओं के लिए आसान आवागमन।
3. एनएच-122ए (सीतामढ़ी: विश्वनाथपुर चौक से खरका बसंत)
लंबाई: 31.82 किमी
समाप्ति का लक्ष्य: मार्च 2025
परियोजना से जुड़े फायदे
सड़क के सुधार से सीतामढ़ी जिले में यात्रा तेज और सुगम।
कम समय में लंबी दूरी तय करने की सुविधा।
4. एनएच-333 (झाझा-चकाई के माधोपुर बिशनपुर)
लंबाई: 26 किमी
समाप्ति का लक्ष्य: मार्च 2025
स्थिति: निर्माण एजेंसी चयन प्रक्रिया जारी।
फायदे
बरियारपुर, लक्ष्मीपुर, और झाझा-चकाई मार्ग में सुधार।
झारखंड जाने वाले यात्रियों के लिए बेहतर सड़क संपर्क।
बिहार में इन सड़कों का महत्व
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार:
ये परियोजनाएं न केवल जिलों के बीच यात्रा आसान बनाएंगी, बल्कि औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देंगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
राम-जानकी मार्ग के जरिए अयोध्या और जनकपुर की यात्रा सुगम होगी। तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा।सड़क निर्माण से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।बेहतर सड़कें यात्रा समय को कम करेंगी और ईंधन की खपत घटेगी।