Bihar Teacher News: नियुक्ति पत्र वितरण को लेकर शिक्षक संघ में हीं विभेद हो गया है। एक शिक्षक संघ का आरोप है कि सरकार ने शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया है। शुरुआत में कहा गया था कि नियोजित शिक्षकों को पूरे जिले में कहीं भी तैनात किया जा सकता है, लेकिन अब सरकार ने 10 अनुमंडलों तक सीमित करने का फैसला लिया है।
शिक्षकों का आरोप है कि सरकार नई नियुक्ति पत्र देकर उनकी पूर्व सेवा को खत्म करना चाहती है।शिक्षक संघ ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में बदलाव का विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों को लगता है कि नई नियुक्ति के बाद उन पर कार्यभार बढ़ जाएगा।शिक्षक अन्य लाभों जैसे प्रमोशन और पदोन्नति को लेकर भी चिंतित हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह का आरोप है कि सरकार अवैध एवं साजिशपूर्ण तरीके से पूर्व की सेवा की निरंतरता दिए बगैर 20 नवंबर को नियुक्ति-पत्र बांटा जा रहा है, जिसमें सेवा की निरंतरता का कहीं उल्लेख नहीं है।
सरकार का कहना है कि नई नियुक्ति से शिक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा और योग्य शिक्षकों को मौका मिलेगा। हालांकि, शिक्षक संघों का मानना है कि सरकार की यह नीति शिक्षकों के हितों के खिलाफ है और इससे शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।यह विवाद न्यायालय में भी पहुंच चुका है। शिक्षक संघों ने सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है। न्यायालय इस मामले में अंतिम फैसला सुनाएगा।
वहीं कई शिक्षक संघों ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए शिक्षकों से नियुक्ति पत्र कार्यक्रम का बहिष्कार करने का आग्रह किया है। शिक्षक संघ सरकार की दमनकारी नीति के विरोध में 19 नवंबर को शाम 5 बजे मशाल जुलूस निकालेंगे। यदि सरकार शिक्षकों की मांगों को नहीं मानती है तो शिक्षक संघ विधानमंडल के समक्ष धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं अखिल भारतीय शैक्षिक संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, शैलेन्द्र कुमार शर्मा उर्फ शैलू ने शिक्षकों की नियुक्ति पत्र प्राप्त करने और राज्यकर्मी का दर्जा पाने की इच्छा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शर्मा का मानना है कि जो शिक्षक नियुक्ति पत्र प्राप्त कर राज्यकर्मी का दर्जा चाहते हैं, संघ को उनके मार्ग में कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए। इन शिक्षकों का उद्देश्य परीक्षा उत्तीर्ण करके राज्यकर्मी के रूप में बेहतर अवसर प्राप्त करना है।राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जो शिक्षक उच्च पदों के लिए पात्रता प्राप्त करेंगे, उनकी नई सेवा शुरू हो जाएगी और पुरानी सेवा समाप्त हो जाएगी। संघ को राज्य सरकार की इस नीति का सम्मान करते हुए शिक्षकों के मार्ग में कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए।