Bihar Teacher News: बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 1 दिसंबर 2024 से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को स्कूल छोड़ने से पहले 'ई-शिक्षा कोष पोर्टल' पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए सेल्फी अपलोड करनी होगी। यह पहल शिक्षकों की समयबद्धता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाई गई है।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
राज्य में लंबे समय से शिक्षकों की उपस्थिति और समयबद्धता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। पहले शिक्षक केवल स्कूल आते समय ही उपस्थिति दर्ज करते थे। लेकिन अब इस नई प्रणाली के तहत शिक्षकों को स्कूल समय के अंत में भी अपनी उपस्थिति प्रमाणित करनी होगी।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल: एक आधुनिक समाधान
जीपीएस आधारित सत्यापन: शिक्षकों को अपने मोबाइल फोन के माध्यम से स्कूल परिसर में रहते हुए अपनी उपस्थिति की सेल्फी अपलोड करनी होगी।
डिजिटल मॉनिटरिंग: यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षक निर्धारित समय तक अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें।
शिक्षकों की प्रतिक्रियाएं
इस नई नीति पर शिक्षकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
सकारात्मक पक्ष: कई शिक्षकों का मानना है कि यह कदम स्कूलों में अनुशासन और जवाबदेही लाने में मदद करेगा।
नकारात्मक पक्ष: कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह नीति ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी जैसे मुद्दों को नजरअंदाज करती है।
चुनौतियां और संभावित समाधान
नेटवर्क की समस्या: राज्य के ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की कमी के चलते शिक्षा विभाग इन क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक प्रणाली पर विचार कर रहा है।
तकनीकी प्रशिक्षण: शिक्षकों को पोर्टल और मोबाइल ऐप के उपयोग में प्रशिक्षित करना आवश्यक होगा।
क्या इस नीति से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा?
यह नई व्यवस्था न केवल शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी सुनिश्चित करेगी बल्कि स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई के स्तर को भी बेहतर बनाएगी। शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि यह पहल बिहार में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी।