SASARAM - एक तरफ वायु प्रदूषण को लेकर नई दिल्ली से लेकर पटना तक हवा मानक के आंकड़ों को पार कर चुकी है। गाड़ियों के चलने पर रोक लगाने की मांग हो रही है। वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी, जिसका नंबर BR01CL0077 है, नियमों का उल्लंघन करती पाई गई है। इस गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 4 अगस्त 2024 को समाप्त हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद यह गाड़ी सड़कों पर चल रही है। यह जानकारी तब सामने आई जब मुख्यमंत्री रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के कुसही बेतिया गांव में डीएम दिनेश कुमार राय के पिता की पुण्यतिथि में शामिल होने पहुंचे। वहीं गाड़ी का पॉल्यूयशन फेल होने को लेकर राजद ने सवाल उठाए हैं।
पुराने नियमों की अनदेखी का मामला
यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री की गाड़ी नियमों का उल्लंघन करती पाई गई है। इससे पहले 23 फरवरी 2024 को इस गाड़ी का सीट बेल्ट न लगाने के लिए 1000 रुपये का चालान काटा गया था, लेकिन अब तक यह जुर्माना जमा नहीं किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस व्यक्ति पर राज्य में कानून व्यवस्था और नियमों के पालन की जिम्मेदारी है, वही कई महीनों से नियमों की अनदेखी कर रहा है।
परिवहन विभाग के अभियान पर सवाल
मामले में राजद नेताओं ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा राज्यभर में वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत आम जनता के वाहन अगर थोड़े भी कागजी दस्तावेजों में कमी पाए जाते हैं, तो तुरंत चालान काटा जा रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री की गाड़ी का पॉल्यूशन फेल होने के बावजूद क्या उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा?
आरजेडी नेता विमल कुमार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह बिहार का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री की अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन फेल है, जबकि वह आम जनता पर बेवजह जुर्माना लगवाकर अत्याचार करवा रहे हैं। राज्य के कई मंत्रियों की सरकारी गाड़ियों के कागजात भी अधूरे मिलेंगे। यह सुशासन के दावे की पोल खोलता है।"
समाजसेवी ने उठाए सवाल
समाजसेवी आशुतोष कुमार ने इस मामले में कहा, "हमने भी इस गाड़ी का पॉल्यूशन चेक किया और पाया कि यह कई महीनों से फेल है। यदि यही मामला किसी आम व्यक्ति का होता, तो तुरंत चालान काटा जाता। मुख्यमंत्री की गाड़ी पर भी जुर्माना लगाना चाहिए।"
क्या होगा अगला कदम
अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री की गाड़ी पर परिवहन विभाग कार्रवाई करता है या नहीं। अगर मुख्यमंत्री की गाड़ी पर जुर्माना नहीं लगता है, तो यह राज्य में कानून और नियमों के प्रति सरकार की गंभीरता पर सवाल खड़े करेगा। इस घटना ने राज्य में नियमों के पालन और उनके लागू होने के तरीके पर बहस छेड़ दी है। जनता के बीच यह सवाल गूंज रहा है कि क्या नियम सिर्फ आम जनता के लिए बनाए गए हैं?
REPORT - RANJAN RAJPUT