GAYA : विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में बुधवार को थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री, अपनी पत्नी और पांच सदस्य शिष्टमंडल के साथ महाबोधी मन्दिर पहुंचे। मंदिर के सचिव महाश्वेता महारथी ने पवित्र खादा पहनाकर उनका स्वागत किया। आए हुए शिष्टमंडल को महाबोधी मन्दिर का भ्रमण कराया गया।
सबसे पहले उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के दर्शन किये। उसके बाद पवित्र बोधी वृक्ष के नीचे जाकर वृक्ष के इतिहास की जानकारी ली। थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री श्रीथा थाबीसिन ने बौद्ध विरासत के संरक्षण और वैश्विक स्तर पर शांति और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के महत्व पर चर्चा की।
पूर्व प्रधानमंत्री ने महाबोधी मन्दिर के आध्यात्मिक महत्व के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त किया, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और बौद्ध परंपरा में सबसे पवित्र स्थान में से एक है। श्रीथा थाबीसिन ने अपने भाषण में थाईलैंड और भारत के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।
विशेष रूप से बौद्ध धर्म के क्षेत्र में जो दोनों देशों के बीच एकीकृत शक्ति बनी हुई है। उसपर चर्चा की। उन्होंने मंदिर के केयर टेकर भिक्षु डॉ दीनानाथ और सचिव महाश्वेता महारथी को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत और बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक को दौरा कराने के लिए धन्यवाद दिया।
गया से संतोष की रिपोर्ट