Bihar Land Ragistry: बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम चल रहा है। इसी बीच जमीन रजिस्ट्री में चल रहा बड़ा गोरखधंधा प्रकाश में आया है। दरअसल, मुजफ्फरपुर के चनपटिया में भूमि निबंधन कार्यालय में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। सहायक निबंधन महानिरीक्षक (एआइजी) राकेश कुमार के नेतृत्व में की गई जांच में दर्जनभर ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें पक्षकारों ने गलत भूमि दिखाकर रजिस्ट्री करवाई है।
गलत स्थल दिखाकर कराई रजिस्ट्री
जानकारी अनुसार एक शिकायत के आधार पर एआईजी ने चनपटिया में चार दिनों तक कैंप लगाकर निबंधित भूखंडों की जांच की। जांच में पाया गया कि कई पक्षकारों ने गलत स्थल दिखाकर जमीन रजिस्ट्री करा ली थी। इन सभी पक्षकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी चल रही है और उनसे गलत तरीके से वसूली गई स्टांप ड्यूटी की राशि भी वसूल की जाएगी।
दलालों का जाल
जांच में यह भी पता चला है कि इस गड़बड़ी में कई दलाल भी शामिल थे। ये दलाल पक्षकारों से मोटी रकम लेकर भूमि निबंधन में गड़बड़ी करवाते थे। निबंधन कार्यालय के कुछ कर्मचारी भी इस खेल में शामिल थे। इन कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सहायक निबंधन महानिरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि इस तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी निबंधन कार्यालयों के अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
आगे की कार्रवाई
इस मामले में आगे की जांच जारी है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इस मामले में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। कई अधिकारी सरकारी सिस्टम का फायदा उठाकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। विभाग उनकी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शेंगे नहीं।
बेबुनियाद है आरोप
बताया गया कि प्रतिदिन यहां औसतन 60 से 80 भूखंडों का निबंधन होता है। प्रति दस्तावेज अवैध वसूली की रकम तय रहती है। नतीजतन विभागीय जांच के तमाम कोरम को सही ढंग से पूरा किए बिना रजिस्ट्री कर दी जाती है। वहीं दूसरी ओर अवर निबंधन पदाधिकारी का कहना कि उक्त जांच विभाग की रूटीन जांच थी। कार्यालय से किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं है। भूमि सत्यापन के बाद हीं निबंधन किया जाता है। बिचौलिए की सक्रियता का आरोप बेबुनियाद है।