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बिहार के कॉलेजों में बढ़ेगी सख्ती! विश्वविद्यालयों पर भी शिक्षा विभाग की रहेगी सीधी नजर, मांगी ये जानकारी...

बिहार के कॉलेजों में बढ़ेगी सख्ती! विश्वविद्यालयों पर भी शिक्षा विभाग की रहेगी सीधी नजर, मांगी ये जानकारी...

बिहार शिक्षा विभाग अब विश्वविद्यालयों से सीधे तौर पर पूछ रहा है कि किन महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को वित्तीय शक्तियां नहीं मिली हैं। साथ ही, ऐसे प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की जानकारी भी मांगी गई है, जिन्हें एक से अधिक प्रशासनिक दायित्व सौंपे गए हैं। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि इन जानकारियों को विभाग के साथ प्रस्तावित बैठकों में उपलब्ध कराएं।


वित्तीय मामलों के बाद अब प्रशासनिक और अकादमिक गतिविधियों पर होगी सख्त निगरानी

वित्तीय मामलों पर शिकंजा कसने के बाद अब शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों की अकादमिक और प्रशासनिक गतिविधियों पर भी नजर रखने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। इसका उद्देश्य यह है कि शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों की हर जानकारी से अपडेट रहे। शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस संबंध में आवश्यक पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि अब विश्वविद्यालयों से हर माह रिपोर्ट मंगवाने की बजाय विभाग उनके साथ सीधी बैठक करेगा। ये बैठकें प्रत्येक माह के तीसरे शुक्रवार को आयोजित की जाएंगी, जिनमें 18 अक्टूबर, 15 नवंबर, 20 दिसंबर, 17 जनवरी, 21 फरवरी, और 21 मार्च के दिन तय किए गए हैं।


बैठकों में उठेंगे ये अहम मुद्दे

यह बैठकें पटना स्थित शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा स्मृति सभागार में होंगी, जिसमें कुल सचिव, वित्तीय परामर्शी और वित्तीय पदाधिकारी शामिल होंगे। विश्वविद्यालयों से चार दिन पहले सभी आवश्यक सूचनाएं शिक्षा विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बैठक में तथ्यों पर विस्तृत विमर्श किया जा सके। बैठकों में बजट, आवंटन, उपयोगिता प्रमाणपत्र, अगले वित्तीय वर्ष के बजट प्रस्ताव, एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम), ऑडिट, संबद्ध कॉलेजों की स्थिति, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, छात्र शिकायत निवारण, गजट के अनुसार नामांकन, परीक्षाओं का आयोजन और परिणाम वितरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।


शिक्षा विभाग की कड़ी चेतावनी: सूचनाओं में देरी और अस्पष्टता बर्दाश्त नहीं

शिक्षा सचिव ने पत्र में कहा है कि कई बार विभाग को महत्वपूर्ण जानकारियां समय पर नहीं मिल पातीं और जो जानकारी आती है, वह भी अस्पष्ट होती है। अब विभाग इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाएगा और ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा विभाग की इस पहल से स्पष्ट है कि अब बिहार के विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता बढ़ाने और शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अगर आप बिहार के शैक्षणिक सुधारों से जुड़े अपडेट्स चाहते हैं, तो हमारे साथ बने रहें

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