अपने क्षेत्र में बनना है सफल, तो जरूर करें यह काम...नहीं मिलेगी असफलता

हर कोई अपने जीवन में सफल बनना चाहता है। इसके लिए कुछ लोग उपाय करते हैं, तो कुछ लोग उसके लिए काम करते हैं। चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कुछ रोचक चीजें

अपने क्षेत्र में बनना है सफल, तो जरूर करें यह काम...नहीं मिल

20वीं सदी के सबसे बड़े आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में युद्ध से लेकर गृहस्थ जीवन जीने की सभी नीतियों के बारे में बताया है ऐसे में उन्होंने अपनी नीतियों में इस बात का भी जिक्र किया है की किस तरह से मनुष्य अपने जीवन में सफल बन सकता है। साथ ही कौन सा ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे मनुष्य बेहद ही कम समय में सफलता की राह पर आगे बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया है कि मनुष्य को किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले कौन सा ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे कि वह अपने क्षेत्र में तेजी से सफल बन सके। तो आईए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने कौन सी ऐसी नीति बताई है जिसका अनुसरण कर इंसान जिस भी सेक्टर में हाथ लगाएगा वो सफल हो जाएगा। 


दरअसल, चाणक्य ने अपनी नीति में कामों को सफल बनाने के लिए एक मंत्र दिया है। चाणक्य नीति में एक वाक्य है 'पूर्वं निच्क्षित्य पच्त्रात् कार्यमारभेत्।।' इस वाक्य में आचार्य ने बताया कि कार्य आरंभ करने से पहले उसके विषय में सभी पहलुओं पर मन में विचार कर लेना चाहिए। कार्य को किन उपायों से पूर्ण किया जाएगा, इस संबंध में पहले निश्चित होने के बाद ही कार्य प्रारंभ करना चाहिए। कार्य के संबंध में सभी बातों पर विचार किए बिना कार्य प्रारंभ करने से अनेक प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने अपने नीति में कहा भी है कि बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय। यानी बुद्धिमान पुरुष को कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सभी बातों पर विचार कर लेना चाहिए। 


इसके बाद चाणक्य ने एक और वाक्य लिखा 'कार्यान्तरे दीर्घसूत्रिता न कर्त्तव्या ।।' इस वाक्य में भी काम के बारे में चाणक्य ने बताया कि कार्य आरंभ करने के बाद आलस नहीं करना चाहिए। आचार्य चाणक्य का मानना है कि आलस इंसान के बर्बादी की राह पर ले जाता है और वह कभी भी खुद को सफल नहीं बन पाता है। आलस मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। आचार्य चाणक्य का ऐसा मानना था कि यह बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए कि उसे पूरा करने की अभी क्या जल्दी है, क्योंकि ये विचार हानिकारक हैं। इसीलिए आलस को अपना दुश्मन समझ कर मनुष्य को हमेशा अपने मेहनत पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि मेहनत ही सफलता का असली मूल मंत्र होता है।