दीपावली जितना रोशनी और खुशियों का त्योहार है, उतना ही मिठाइयों और पकवान के जायके का भी त्योहार है। देश के सबसे बड़े त्योहार में सभी घरों में अक्सर ऐसा माहौल होता है कि लोग खुद को मिठाई खाने से रोक नहीं पाते हैं। बात ठीक भी है। त्योहार पर परिवार के सभी सदस्य एक साथ जुटते हैं। सभी खाने के लिए एक साथ बैठते हैं। ऐसे में खाने-पीने को लेकर बहुत चूजी होना या दूसरों से कुछ अलग करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक तो सब ठीक है।
असल समस्या तब आती है, जब इस मिठाई के कारण हमारा ब्लड शुगर रॉकेट की तरह भागता है। ऐसे में मिठाई का जायका हमारी दिवाली का मजा फीका कर सकता है। इसलिए इस दिवाली मिठाई खाइए पर थोड़ा संभलकर। दिवाली में मिठाई खाने से सबसे अधिक खतरा उन लोगों को है, जो प्रीडायबिटिक हैं और जिन्हें अपनी डायबिटिक कंडीशन के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इसके पीछे कारण ये है कि जिन्हें मालूम है कि वे डायबिटिक हैं, वे तो मिठाई खाते समय इसकी मात्रा को लेकर सचेत रहते हैं। वहीं जिन लोगों को मालूम ही नहीं है कि उनका ब्लड शुगर हाई है, वे मन भर जाने तक मिठाई खाते हैं। इससे इनका ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक कर सकता है और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर दिवाली में मिठाई खानी है तो सबसे पहले ब्लड शुगर का गणित समझना होगा। ये जानना जरूरी है कि हमारा ब्लड शुगर किन कारणों से स्पाइक करता है।
सिर्फ मीठा ही नहीं इन कारणों से भी बढ़ता है ब्लड शुगर, नींद पूरी न होने से, कैफीन के अधिक सेवन से, डिहाइड्रेशन से, तनाव बढ़ने से, बहुत फैटी फूड खाने से, हाई कर फूड के सेवन से, सिडेंटरी लाइफस्टाइल से, शराब के अत्यधिक सेवन से, मोटापे के कारण से बढ़ता है ब्लड शुगर। अगर हम यह जानते हैं कि ब्लड शुगर लेवल किन कारणों से बढ़ रहा है तो इसे कंट्रोल करना आसान हो सकता है। इन सभी कारणों पर लगाम लगाकर हम मिठाई का जायका ले सकते हैं।
हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम क्या, कब और कितनी मात्रा में खा रहे हैं। इससे लगभग आधी समस्या तो यहीं हल हो जाएगी। जब हम जानते हैं कि मिठाई खाने से ब्लड शुगर स्पाइक कर सकता है तो इसे सिर्फ स्वाद के लिए ही खाएं। मिठाई के एक छोटे से पीस से वही स्वाद मिलता है, जितना 10 पीस खाने से मिलेगा। इसलिए मिठाई के 10 पीस खाने के बजाय सिर्फ एक पीस खाएं। अगर यह रसगुल्ला जैसी मिठाई है तो उसमें भरी चीनी को निचोड़ लें, फिर खाएं।