हमारे बुजुर्ग पहले के समय में मौसम के हिसाब से सब्जियों या कुछ भी अनाज बदलते थे। सर्दियों में आमतौर पर बाजरा और ज्वार ही खाते थे। इसकी तासीर गर्म होती है और यह पोषक तत्वों से भी भरपूर है। बाजरा आज भी मुख्य रूप से अफ्रीका और भारत में उगाया जाता है। हालांकि, अब इसकी मांग पूरी दुनिया में बढ़ रही है। इसकी खास बात ये है कि इसमें कॉम्प्लेक्स कार्ब होता है, जो शरीर को धीरे-धीरे देर तक एनर्जी मिलती रहती है। बाजारा खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। हड्डियां मजबूत होती है और कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। इसे खाने से अस्थमा और कैंसर का जोखिम भी कम होता है। इसके साथ ही कई और फायदे भी मिलेट्स खाने से मिलते हैं।
बाजरा में होता है पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन
ठंड के दिनों में बाजरे का पुआ पहले के समय में बनाया जाता था। खास बात ये थी कि इसमें सारे सुपरफूड्स इस्तेमाल होते थे। इसमें गुड़ और तिल भी होता था। पहले बहुत कम संसाधन और ऊनी कपड़े होते थे। तब हमारे पूर्वज सर्दियों के ये सुपरफूड्स खाकर ही स्वस्थ रहते थे। बाजरा सर्दियों का ऐसा ही सुपरफूड है, जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। बाजरा में शरीर के लिए बेहद जरूरी ढेरों न्यूट्रिएंट्स होते हैं। यह ऐसा अनाज है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन भी होता है। इसमें शरीर के लिए जरूरी कार्ब्स और फाइबर भी होता है।
लाइफस्टाइल में वजन बढ़ना बड़ी समस्या
बाजरा में विटामिन B1, B2, B3 और B6 होता है। इसके अलावा आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और जिंक जैसे जरूरी मिनरल्स भी होते हैं। रोज एक कप बाजरा खाने से शरीर को कितने जरूरी मिनरल्स मिल जाते हैं। बाजरा खाने का सबसे बड़े फायदा ये है कि इससे वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है। भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में वजन बढ़ना बड़ी समस्या है। ठंड में फिजिकल एक्टिविटी घटने से यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में बाजरा बहुत फायदेमंद हो सकता है।
बाजरा खाने से कई चीजों का जोखिम कम होता है
बाजरा खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है और हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है, जिससे दांत और हड्डियां मजबूत होती हैं। सर्दियों में अक्सर अस्थमा और रेस्पिरेटरी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। बाजरा खाने से इनका जोखिम कम हो सकता है।