यूरिक एसिड एक सामान्य पदार्थ है, जो शरीर में प्यूरीन के टूटने से बनता है। यह खून में घुलकर किडनी के माध्यम से मूत्र द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में प्यूरीन की मात्रा अधिक हो जाती है या किडनी इसे सही तरीके से फ़िल्टर नहीं कर पाती, तो यह क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा हो जाता है। इससे जोड़ों में असहनीय दर्द और सूजन होती है। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए सही डाइट और जीवनशैली बेहद जरूरी है।
यूरिक एसिड को कम करने के लिए डाइट टिप्स:
1. कम प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थ खाएं:
प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे रेड मीट, सीफूड और ऑर्गन मीट से बचें। इसके बजाय, दही और दूध जैसे कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें। यह यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करता है।
2. ग्रीन टी का सेवन करें:
ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में सहायक है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
3. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं:
डाइट में फाइबर शामिल करने से शरीर यूरिक एसिड को बेहतर तरीके से अवशोषित और बाहर निकाल सकता है। ओट्स, साबुत अनाज, ब्रोकोली और कद्दू जैसे फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें।
4. विटामिन सी से भरपूर आहार लें:
विटामिन सी युक्त फल, जैसे संतरा, कीवी, आंवला और नींबू का सेवन यूरिक एसिड को तेजी से कम करने में मदद करता है।
5. पानी का अधिक सेवन करें:
पानी एक नेचुरल क्लींजर है। दिनभर में 10-12 गिलास पानी पीने से यूरिन के माध्यम से यूरिक एसिड शरीर से बाहर निकलता है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के घरेलू उपाय:
1. अदरक और हल्दी का सेवन:
अदरक और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इन्हें चाय या खाने में शामिल करें।
2. सेब का सिरका:
सेब का सिरका शरीर को डिटॉक्स करता है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर रोजाना पिएं।
3. एलोवेरा जूस:
एलोवेरा जूस यूरिक एसिड को नियंत्रित करने और जोड़ों के दर्द से राहत देने में सहायक है।
निष्कर्ष:
यूरिक एसिड को नियंत्रित करना संतुलित डाइट और जीवनशैली पर निर्भर करता है। प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचें, ग्रीन टी और विटामिन सी का सेवन करें और पानी अधिक मात्रा में पिएं। इन छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलावों से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं और जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं। समय पर ध्यान देकर इस समस्या को गंभीर बनने से रोका जा सकता है।