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World Diabetes Day: डायबिटीज से जुड़ी कुछ गलतफैमियों को करें दूर, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स

डायबिटीज से जुड़ी कई सारी ऐसा बातें हैं जो हर किसी को नहीं पता है। ऐसे में हमें ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या बातें इस बीमारी से जुड़ीं सही है और क्या गलत।

World Diabetes Day: डायबिटीज से जुड़ी कुछ गलतफैमियों को करें दूर, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स

14 नवंबर को चिल्ड्रेन्स डे के साथ ही विश्व डायबिटीज दिवस भी मनाया जाता है। इसका उद्देश्य डायबिटीज के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे बचाव के तरीके शेयर करना रहता है। हालांकि, डायबिटीज को लेकर कई तरह के मिथ और गलतफहमियां भी समाज में फैली हुई हैं, जो मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि इन मिथकों का सच जाना जाए, ताकि सही जानकारी के साथ डायबिटीज पर नियंत्रण रखा जा सके।


हमलोग हमेशा सुनते हैं कि सिर्फ मीठा खाने से डायबटिज होती है। लेकिन यह सबसे बड़ा मिथ है। हालांकि, अधिक शुगर का सेवन निश्चित तौर पर वजन बढ़ा सकता है और इससे डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है। लेकिन डायबिटीज के और भी कई कारण होते हैं। इनमें जेनेटिक फैक्टर, लाइफस्टाइल और मोटापा सबसे ऊपर है। टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून कंडीशन है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पैंक्रियास की इंसुलिन बनाने वाली सेल्स पर हमला कर देता है।


बोला जाता है कि डायबिटीज के मरीज फलों का सेवन नहीं कर सकते हैं। लेकिन ये बात गलत है। कुछ फल जैसे सेब, नाशपाती और संतरा ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम होते हैं, जो ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से नहीं बढ़ाते हैं। संतुलित मात्रा में फलों का सेवन विटामिन्स और मिनरल्स प्रदान करता है, जो सेहत के लिए आवश्यक है।


बता दें कि बहुत कोई लोग सोचते हैं कि अगर इससे पूरी तरह कंट्रोल कर लिया जाए, तो डायबिटीज से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन ये गलत है। आप इस पर कितना भी कंट्रोल कर लो आपको पूरी तरह से इस बीमारी से एक बार होने के बाद छुटकारा नहीं मिलने वाला है। ये एक दीर्घकालिक बीमारी है और इससे पूरी तरह से छुटकारा नहीं पाया जा सकता। हालांकि, सही लाइफस्टाइल और आहार का पालन करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। टाइप-2 डायबिटीज के मरीज नियमित व्यायाम और हेल्दी डाइट के साथ ब्लड शुगर को सामान्य रख सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे पूरी तरह ठीक हो गए हैं।

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