Bihar Train Accident: बिहार में इस कारण डिरेल हुई मालगाड़ी, घटना से आधे घंटे पहले उसी रास्ते गुजरी थी यात्रियों से भरी 2 ट्रेन

Bihar Train Accident: बिहार में बीते दिन हुई ट्रेन हादसे का कारण प्रारंभिक जांच में सामने आया है। पटरियों में दरार होने के कारण मालगाड़ी डिरेल हो गई। सबसे हैरानी वाली बात है कि आधे घंटे पहले इसी रास्ते दो 2 यात्री ट्रेन गुजरी थी यदि हादसा तब होता तो

रेल हादसा
मालगाड़ी डिरेल होने का कारण - फोटो : News4nation

Bihar Train Accident: बिहार में साल के आखिरी दिन में भयावह रेल हादसा होते होते बच गया। वो भी सिर्फ इस कारण की ट्रेन में कोई यात्री नहीं बल्कि सीमेंट की बोरियां थी। अगर मालगाड़ी ना होकर यात्री ट्रेन होती तो आज का दृश्य भयावह होगा। ऐसे इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस घटना के महज आधे घंटे पहले उसी रास्ते दो यात्री ट्रेन सुरक्षित गुजरी थी। वहीं जब मालगाड़ी इस रास्ते गुजरी तो एक के बाद एक 17 बोगियां डिरेल हो गई। कई बोगियां नदी में जा गिरी। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। वहीं अब जांच में सामने आया है कि आखिरी क्यों मालगाड़ी डिरेल हुई।

पटरी में दरार के कारण डिरेल हुई ट्रेन 

दरअसल, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रेलवे पुल के जिस हिस्से में ट्रैक का जोड़ है वहीं पटरी में दरार थी। सीमेंट लदी मालगाड़ी गुजरने के दौरान पटरी वजन नहीं सह पाई, जिससे अप लाइन की पटरी उखड़कर डाउन ट्रैक की ओर मुड़ गई और दोनों लाइनें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। यह हादसा रात करीब 11 बजे हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे से महज आधा घंटा पहले रात 10:35 बजे अप लाइन से रक्सौल–हावड़ा मिथिला एक्सप्रेस उसी ट्रैक से सुरक्षित गुजर चुकी थी। 

और भयावह हो सकती थी स्थिति

वहीं रात 11 बजे डाउन लाइन से पूर्वांचल एक्सप्रेस भी बिना किसी परेशानी के निकल गई। यदि उस समय पटरी उखड़ी होती तो हादसा और भी भयावह हो सकता था। मालूम हो कि किऊल-जसीडीह रेलखंड पर बीते शनिवार को करीब 12 बजे सीमेंट लदी एक मालगाड़ी डिरेल हो गई। पटरियों में दरार आने के कारण मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई। इस हादसे में ट्रेन के 42 डिब्बों में से 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 8 डिब्बे बडुआ नदी में गिर गए, जबकि 9 डिब्बे रेलवे पुल पर ही पलट गए। शेष डिब्बे सुरक्षित गुजर गए। 

पुल पर चढ़ते ही डिरेल होने लगे डिब्बे 

जानकारी अनुसार मालगाड़ी पश्चिम बंगाल से सीतामढ़ी जा रही थी। हादसे के बाद राहत और बहाली का कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया, जो रविवार को भी जारी रहा। मालगाड़ी के गार्ड मुकेश कुमार पासवान और लोको पायलट कमलेश कुमार तृतीय ने बताया कि जैसे ही ट्रेन पुल पर चढ़ी, पीछे से तेज आवाज आई और कुछ ही सेकंड में डिब्बे एक के बाद एक डिरेल होने लगे। इसके बाद तुरंत सिमुलतला स्टेशन प्रबंधक को सूचना दी गई।

आज से बहाल होगी परिचालन 

आसनसोल रेल मंडल की पीआरओ बिपला बौउरी ने बताया कि घटना की जांच जारी है। रेलवे की प्राथमिकता दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को ट्रैक से हटाकर जल्द से जल्द परिचालन बहाल करना है। सोमवार सुबह तक रेल आवागमन शुरू होने की संभावना जताई गई है। रेल प्रशासन ने यात्रियों से यात्रा से पहले अपनी ट्रेनों की स्थिति की जानकारी लेने की अपील की है।