JAMUI : बीते माह बिहार सरकार द्वारा जारी की गई रैंकिंग में भू एवं राजस्व विभाग द्वारा जमुई जिले को बेहद खराब रैंकिंग दी गई थी। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा पेंडिंग दाखिल खारिज सहित सभी लंबित मामले का निपटारा जल्द करने का आदेश पारित हुआ। लेकिन लंबित मामलों की संख्या इतनी थी कि सभी का निपटारा तय समय में करना नामुमकिन था। फिर क्या चला कारवाई का डंडा और सभी CO, CI और राजस्व कर्मचारी का तत्काल वेतन स्थगित कर दिया गया। अब दूसरा महीना बीतने को है। साहब सहित राजस्व कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर है।
जिले के सभी अंचल कार्यालय में इस बात से काफी रोष उत्पन्न हो गया है। पिछले दिनों मीटिंग में हिम्मत जुटाकर अंचल वाले साहब ने जिलाधिकारी को इस बावत अनुरोध किया। मैडम ने भी तुरंत अपर समाहर्ता को वेतन भुगतान करने को कहा। लेकिन साहब ने सीएम विजिट का हवाला देते हुए "काम में और तेजी आएगी" के बहाने कोई ठोस पहल नहीं की। जिसको लेकर अंचल कार्यालय कर्मी प्रदर्शन के मूड में आ गए और अब हाथ में काली पट्टी बांधकर ड्यूटी कर रहे है। नाम नहीं लिखने के शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि साहब को क्या फर्क पड़ता है हमलोग जिए या मरे। दो महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण बच्चों के स्कूल की फीस तक जमा करना मुश्किल हो गया है बाकी EMI और दवाई का बोझ अलग से है। क्या करे कुछ समझ में नहीं आता है।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जिले के पिछड़े रैंकिंग पाने के दोषी क्या सिर्फ अंचल के ही कर्मी है या यह सबकी जिम्मेदारी है। जबकि सामान्य प्रशासन विभाग ने वेतन रोकने के लिए साफ तौर से मना किया है। ऐसे में इस तरह का फरमान जारी करना अधिकारियों की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। अब देखना लाजिमी होगा कि आखिर कब इन कर्मियों का वेतन निर्गत किया जाता है या फिर नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के बाद ही वेतन निर्गत करने की प्रक्रिया प्रगतिशील होगी। फिलहाल इस मुद्दे को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में खूब कानाफूसी हो रही है और बेचारे अंचल कर्मी एक दूसरे का मुंह टुकुर टुकुर देख रहे है।
जमुई से सुमित की रिपोर्ट