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Property Will: माता-पिता की संपत्ति में नहीं मिली बारबर हिस्सेदारी तो रद्द करवा सकतें है वसीयत, जान लीजिए क्या है आपके अधिकार...

Property Will: अगर आपको माता पिता की संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी नहीं मिली है, और आप बंटवारे से खुश नहीं हैं तो आप अपनी वसीयत रद्द करवा सकते हैं। आइए इससे जुड़े आपके अधिकार क्या है आपको बताते हैं।

parents property
property will- फोटो : प्रतिकात्मक

Property Will: संपत्ति विवाद देश भर में आम हो गया है। अकसर परिवारों में संपत्ति को लेकर विवाद हो जाते हैं। खासतौर पर जब कोई व्यक्ति दुनिया से विदा हो जाता है तो उसके पीछे छोड़ी गई संपत्ति को लेकर लड़ाई-झगड़े होना आम बात है। कई बार माता-पिता अपनी संपत्ति को बच्चों में बराबर-बराबर नहीं बांटते हैं। ऐसे में अगर आप उस संपत्ति बंटवारे से खुश नहीं हैं तो क्या आप अपनी वसीयत को रद्द करवा सकते हैं या नहीं आइए हम आपको बताते हैं। 

वसीयत क्या है?

जब कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी में ही यह तय कर लेता है कि उसकी संपत्ति किसको मिलेगी तो वह एक कानूनी दस्तावेज बनाता है जिसे वसीयत कहते हैं। इस दस्तावेज़ में वह लिख देता है कि उसकी संपत्ति किसको और कितनी मिलेगी। अगर माता-पिता के तीन बच्चे हैं तो वो अपनी संपत्ति को तीनों बच्चों में बारबार बंटते हैं, लेकिन अगर किसी बच्चे को लगता है कि उसे संपत्ति में कम हिस्सा मिला है तो क्या वो वसीयत बदलवा सकता है।

क्या वसीयत को बदला जा सकता है?

जी हां, वसीयत को बदला जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी वसीयत से खुश नहीं है तो वह इसे किसी भी समय बदल सकता है। लेकिन, अगर कोई व्यक्ति बिना वसीयत बनाए मर जाता है तो उसकी संपत्ति का बंटवारा कानून के अनुसार होगा। इसके लिए आपको किसी अच्छे वकील की मदद लेनी होगी।

क्या वसीयत को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है?

हां, वसीयत को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अगर किसी को लगता है कि वसीयत में कुछ गड़बड़ है या फिर उसे उसके हक की संपत्ति नहीं मिल रही है तो वह कोर्ट जा सकता है।

वसीयत को चुनौती देने के कुछ कारण:

धोखा: अगर किसी को धोखे से वसीयत पर हस्ताक्षर करवाए गए हों।

दबाव: अगर किसी को दबाव देकर वसीयत पर हस्ताक्षर करवाए गए हों।

मन की हालत: अगर वसीयत बनाने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।

गलत जानकारी: अगर वसीयत में दी गई जानकारी गलत है।

वसीयत को रजिस्टर करना जरूरी क्यों है?

वसीयत को रजिस्टर करवाने से यह साबित होता है कि यह दस्तावेज असली है। हालांकि, रजिस्टर्ड वसीयत को भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। बता दें कि संपत्ति का बंटवारा एक संवेदनशील विषय है। इसलिए, अपनी संपत्ति को लेकर कोई भी फैसला लेने से पहले एक वकील से सलाह लेना बेहतर होता है।

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