Bihar Flood: पुल बना, रास्ता डूबा, बाढ़ में लाखों की लागत का पुल बेकार
Bihar Flood:इलाके की कनेक्टिविटी बढ़ाने और लगभग पांच हजार से अधिक आबादी को सीधा लाभ देने वाली “जीवन रेखा” बताया गया। लेकिन हकीकत यह है कि पुल तो खड़ा है, पर उसकी उपयोगिता हर साल बाढ़ के पानी में डूब जाती है।

Bihar Flood: 2019 में लाखों की लागत से कटिहार के बुद्ध चौक बांध को कोढ़ा प्रखंड के पेकहा, देवकली और मुसहरी गांव से जोड़ने के लिए पुल का निर्माण कराया गया था। उस वक्त इसे इलाके की कनेक्टिविटी बढ़ाने और लगभग पांच हजार से अधिक आबादी को सीधा लाभ देने वाली “जीवन रेखा” बताया गया। लेकिन हकीकत यह है कि पुल तो खड़ा है, पर उसकी उपयोगिता हर साल बाढ़ के पानी में डूब जाती है।
दरअसल, पुल के दोनों ओर बने एप्रोच पथ लो-लैंड एरिया में तैयार किए गए, जो बरसात और बाढ़ में पानी से लबालब भर जाते हैं। नतीजतन, जिस पुल से राहत और सुविधा मिलने की उम्मीद थी, वही अब ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन गया है। बाढ़ की विभीषिका के बीच जब गांव का रास्ता डूबता है, तो यह पुल केवल “दिखावा” बनकर खड़ा रह जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इंजीनियरिंग की लापरवाही ने इस पुल को “बेकार का शोपीस” बना दिया है। करोड़ों के प्रोजेक्ट के बावजूद न तो सर्वे सही हुआ और न ही एप्रोच रोड को ऊंचाई देकर टिकाऊ बनाया गया। यही कारण है कि हर साल बारिश के दिनों में गांव से शहर की कनेक्टिविटी ठप हो जाती है।
“पुल है, मगर रास्ता डूबा है तो फिर इस निर्माण का फायदा किसे?” यही सवाल अब ग्रामीण से लेकर आमजन तक पूछ रहे हैं।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह