Bihar News: मुहर्रम के जुलूस में दिखा 'ऑपरेशन सिंदूर' का जोश, ताजिया के साथ फाइटर प्लेन और भारत माता की जय के नारे की गूंज

Bihar News: मोहर्रम का महीना जहाँ एक ओर शोक और श्रद्धा का प्रतीक होता है, वहीं इस बार कटिहार के सलामत नगर मोहर्रम कमेटी ने ताजिया जुलूस को एक राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग कर अलग ही उदाहरण पेश किया।

enthusiasm of Operation Sindoor was seen in the Muharram pro
मुहर्रम के जुलूस में दिखा 'ऑपरेशन सिंदूर' का जोश- फोटो : reporter

Bihar News: मोहर्रम का महीना जहाँ एक ओर शोक और श्रद्धा का प्रतीक होता है, वहीं इस बार कटिहार के सलामत नगर मोहर्रम कमेटी ने ताजिया जुलूस को एक राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग कर अलग ही उदाहरण पेश किया। जुलूस में 'ऑपरेशन सिंदूर' की गूंज, भारत माता की जय के नारों के साथ, राष्ट्रीय एकता और सैन्य शौर्य का उत्सव बन गया। जुलूस में एक फाइटर प्लेन की शक्ल में ताजिया मॉडल तैयार किया गया था, जिसे देखने उमड़ी भीड़ ने खूब सराहा। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की महिला वीरांगनाओं — विंग कमांडर वामिका सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी के कट-आउट भी लगाए गए थे। इस प्रस्तुति ने संदेश दिया कि मुल्क की हिफाजत में महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर आगे हैं।

जुलूस में शामिल सलामत नगर मोहर्रम कमेटी के सदस्यों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर हिंदुस्तान को कोई आंख दिखाएगा, तो हर मुसलमान इस वतन के लिए अपनी जान देने को तैयार है।"मोहर्रम सिर्फ मातम नहीं, हुसैनियत का पैगाम है और हुसैनियत बताती है कि जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाओ, चाहे कीमत जान ही क्यों न हो।"

इस बार ताजिया के साथ भारत का नक्शा, ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’, और ‘ऑपरेशन सिंदूर जिंदाबाद’ जैसे नारों के बैनर भी लगे थे, जो दर्शाता है कि धर्म और देशभक्ति साथ-साथ चल सकते हैं।

हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर जोश देखने को मिला है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैन्य कार्रवाई की कल्पना को राष्ट्रीय गौरव के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। कटिहार के इस जुलूस ने उस भावना को धार्मिक और सामाजिक संदर्भ में जोड़कर एक नई ऊँचाई दी है।

कटिहार का यह जुलूस एक नई सोच की ओर इशारा करता है  जहाँ मजहब के साथ वतनपरस्ती को भी इज्जत मिलती है। यह बताता है कि मुस्लिम समुदाय भी आतंक और अलगाव की छवि से बाहर निकलकर देशभक्ति और एकता का नया चेहरा प्रस्तुत कर रहा है।यह जुलूस सिर्फ ताजिया नहीं था, बल्कि मुल्क की हिफाजत में दिए गए एक सलीकेदार सलाम का नाम है।

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह