Bihar BDO: कटिहार बारसोई BDO हरिओम शरण का इस्तीफा , SDO की प्रताड़ना से परेशान होकर लिया फैसला
Bihar BDO: कटिहार के बारसोई प्रखंड विकास पदाधिकारी हरिओम शरण ने एसडीओ पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया। जानिए पूरा मामला, राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक प्रतिक्रिया।

Bihar BDO: बिहार के कटिहार जिले में प्रशासनिक हलचल मच गई है। बारसोई प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) हरिओम शरण ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कटिहार के जिलाधिकारी मनेष कुमार मीणा को पांच पन्नों का पत्र भेजते हुए एसडीओ श्वेतम दीक्षित पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।हरिओम शरण ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं कमर दर्द के बावजूद रोज़ 10 से 12 पंचायतों का दौरा करता हूं, डिजिटाइजेशन कैम्प का निरीक्षण करता हूं, फिर भी मुझे कर्मचारियों के सामने अपशब्द कहे जाते हैं।"
क्या है पूरा मामला? बीडीओ बनाम एसडीओ विवाद की वजहें
हरिओम शरण ने जो बिंदु उजागर किए हैं वे हैं कि रोज़ाना पंचायतों का निरीक्षण।मतदाता पुनरीक्षण कार्य में मेहनत के बावजूद अपमान सहना पड़ा।एप पर साइट धीमी होने के बावजूद दोषारोपण।इंटरनेट सेवा बाधित रहने के बावजूद काम में कमी के आरोप। बार-बार धमकियां कि नौकरी चली जाएगी।
उन्होंने साफ लिखा है कि मेरे आत्मसम्मान के साथ समझौता हो रहा है। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मामला इसलिए और संवेदनशील बन गया है क्योंकि एसडीओ श्वेतम दीक्षित, जदयू विधायक विजय सिंह के दामाद हैं। विपक्ष ने इसे सत्ता के दंभ और रिश्तेदारी के रौब का उदाहरण बताया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सड़क से विधानसभा तक मुद्दा बना सकता है।सत्ता पक्ष के लिए यह प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चुनौती बन सकता है। इस पूरे प्रकरण में एसडीओ श्वेतम दीक्षित ने स्पष्ट कहा कि यह सब जिला प्रशासन के निर्देशों के तहत हो रहा है। बीडीओ को केवल काम समझाया गया था। अब यदि उसे प्रताड़ना कहें तो क्या करें? मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनके बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि प्रशासन के भीतर मतभेद सार्वजनिक हो चुके हैं।
मतदाता पुनरीक्षण विवाद: तकनीकी समस्याएं बनी वजह?
हरिओम शरण ने अपने पत्र में लिखा है कि एप पर साइट धीमी।24 घंटे इंटरनेट सेवा बाधित।आयोग ने भी इसे स्वीकारा।इसके बावजूद उन्हें दोषी ठहराया गया। यह बताता है कि प्रशासनिक कार्यों में तकनीकी दिक्कतों के बावजूद व्यक्तिगत जिम्मेदारी थोपे जाने को लेकर नाराजगी है।