Bihar Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को देंगे सीमांचल को 45 हज़ार करोड़ का तोहफ़ा, पूर्णिया से उड़ान, रेल विस्तार के सौगात के साथ होगी मोदी-नीतीश की रैली

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इस वक़्त सबसे चर्चित तारीख़ बन चुकी है 15 सितंबर, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर नज़र आने वाले हैं।

Bihar Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को देंगे
सीमांचल को सौगात - फोटो : SHYAM

KATIHAR : बिहार की राजनीति में इस वक़्त सबसे चर्चित तारीख़ बन चुकी है 15 सितंबर, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर नज़र आने वाले हैं। इस दिन सीमांचल की धरती पूर्णिया से न सिर्फ़ हवाई सेवा की शुरुआत होगी, बल्कि रेल सेवाओं में विस्तार और तक़रीबन 45 हज़ार करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी होने जा रहा है। यह आयोजन केवल विकास का संदेश नहीं बल्कि चुनावी मौसम से पहले भाजपा के लिए सीमांचल की सियासत को साधने का बड़ा मंच भी माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी पूर्णिया के शीशाबाड़ी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जनसभा को लेकर न सिर्फ़ पूर्णिया बल्कि कटिहार, अररिया, किशनगंज और भागलपुर तक में गहमागहमी है। भाजपा कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों और गाजा-बाजा के साथ गाँव-गाँव, गली-गली घूमकर व्यापारियों और आम नागरिकों को आमंत्रण कार्ड बाँट रहे हैं। दुकानदारों को व्यक्तिगत रूप से बुलाया जा रहा है ताकि 15 सितंबर को मैदान पूरा भरा नज़र आए।

भाजपा परियोजनाओं को सीमांचल के पिछड़ेपन को ख़त्म करने वाला ऐतिहासिक कदम बताकर प्रचारित कर रही है। पार्टी का मानना है कि इससे करोड़ों लोगों को रोज़गार और आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी। सीमांचल बिहार का वह इलाक़ा है जहाँ अब तक भाजपा की पकड़ उतनी मज़बूत नहीं रही जितनी राज्य के अन्य हिस्सों में है। यहाँ पर क्षेत्रीय दलों और विपक्ष का प्रभाव अधिक है। इसलिए पूर्णिया की यह रैली भाजपा के लिए सिर्फ़ सरकारी योजनाओं का ऐलान नहीं बल्कि सियासी ज़मीन तैयार करने का मंच भी है।

कटिहार और पूर्णिया के भाजपा नेता उत्साह से लबरेज़ हैं। गाजा-बाजा, झंडा-बैनर और कार्यकर्ताओं की टोली जगह-जगह निकल रही है। यह रैली भाजपा के लिए “शक्ति-प्रदर्शन” भी बन गई है ताकि आने वाले चुनाव में यह संदेश दिया जा सके कि सीमांचल अब भाजपा और एनडीए के साथ खड़ा है। जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। यह तस्वीर अपने आप में भाजपा-जेडीयू गठबंधन की मजबूती का प्रतीक होगी। नीतीश और मोदी की साझी मौजूदगी यह बताने की कोशिश है कि एनडीए एकजुट है और बिहार में विकास की गारंटी भी वही है।

स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं ने इस आयोजन को “जन उत्सव” का रूप दे दिया है। बाज़ारों में दुकानदारों को आमंत्रण कार्ड देकर बुलाया जा रहा है, ताकि लोग महसूस करें कि यह सिर्फ़ राजनीतिक रैली नहीं बल्कि जनता की भागीदारी वाला उत्सव है। भाजपा का लक्ष्य है कि यह रैली सीमांचल की राजनीति को नई दिशा दे और विपक्ष को यह संदेश जाए कि यहाँ की जनता अब बदलाव के मूड में है। 15 सितंबर को होने वाला यह आयोजन महज़ सरकारी योजनाओं का उद्घाटन भर नहीं है, बल्कि सीमांचल की राजनीति को साधने का सुनियोजित सियासी कार्यक्रम भी है। मोदी-नीतीश की मौजूदगी, 45 हज़ार करोड़ की योजनाएँ, और पूर्णिया से हवाई सेवा की उड़ान ये सब मिलकर भाजपा को सीमांचल में मज़बूती देंगे। सवाल सिर्फ़ इतना है कि क्या विकास की ये सौग़ातें वाक़ई भाजपा को चुनावी सौग़ात में तब्दील कर पाएँगी या फिर विपक्ष अपनी ज़मीन बचा लेगा।

कटिहार से श्याम की रिपोर्ट