वर्दी वाला 'वसूली भाई'! न्याय बेचने निकला था दारोगा, पीड़ित ने नोट थमाकर कैमरे में कैद कर ली खाकी की बेईमानी, वीडियो देख SP भी रह गए दंग

थाने में तैनात एक दारोगा को जमीन विवाद सुलझाने के नाम पर रिश्वत लेना महंगा पड़ गया। वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी एसपी ने दारोगा को निलंबित कर दिया है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

वर्दी वाला 'वसूली भाई'! न्याय बेचने निकला था दारोगा, पीड़ित

Katihar - प्राणपुर पुलिस की साख पर उस वक्त गहरा दाग लग गया, जब दारोगा पुष्पेंद्र कुमार का रिश्वत लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि दारोगा अपनी गाड़ी में बैठे हैं और पीड़ित पक्ष से पैसों का लेन-देन कर रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद विभाग की काफी किरकिरी हो रही है। हालांकि, 'दैनिक जागरण' वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसे गंभीर माना गया है। 

15 हजार की थी मांग, 5 हजार देते ही बना लिया वीडियो

पीड़ित अक्षय कुमार के अनुसार, जल्लाहरेरामपुर गांव में उनका पुश्तैनी घर है, जिसे दूसरे पक्ष ने तोड़ दिया और जबरन कब्जा कर लिया। न्याय की गुहार लेकर वे एक हफ्ते से थाने के चक्कर काट रहे थे। जांच के लिए पहुंचे दारोगा पुष्पेंद्र कुमार ने मामले के निपटारे के बदले 15 हजार रुपये की मांग की। परेशान पीड़ित ने पहली किस्त के रूप में 5 हजार रुपये थमाए और चालाकी से इसका वीडियो बना लिया, जो अब उनकी बर्खास्ती का कारण बना। 

प्रभारी एसपी की त्वरित कार्रवाई, दारोगा निलंबित

मामले की गंभीरता और पुलिस की छवि को पहुंच रहे नुकसान को देखते हुए प्रभारी एसपी डॉ. गौरव मंगला ने दारोगा पुष्पेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सदर एसडीपीओ अभिजीत कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला सही पाए जाने पर यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। 

थानाध्यक्ष की भूमिका पर भी उठे सवाल

पीड़ित का आरोप है कि उन्होंने एक सप्ताह पहले थानाध्यक्ष रणजीत कुमार महतो को लिखित आवेदन दिया था, लेकिन हर दिन जांच के नाम पर टाल-मटोल किया जाता रहा। जब दारोगा को जांच के लिए भेजा गया, तो उन्होंने न्याय देने के बजाय सौदेबाजी शुरू कर दी। एक छोटे से केस के लिए पीड़ित को दर-दर भटकने और अंततः रिश्वत देने पर मजबूर होना पड़ा, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। 

गहन जांच के घेरे में प्राणपुर थाना

फिलहाल आरोपित दारोगा लाइन हाजिर हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच (Departmental Inquiry) शुरू कर दी गई है। एसडीपीओ खुद इस मामले की गहनता से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस वसूली रैकेट में अन्य कर्मी भी शामिल थे। इस घटना ने पूरे जिले के पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है और आम जनता के बीच पुलिस के इकबाल पर सवालिया निशान लगा दिया है।