KHAGARIA : बिहार विधानसभा का सत्र चल रहा है। इसमें परबत्ता विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा की ईडब्ल्यूएस में अगड़ी जाति के अभ्यर्थियों को 10% का आरक्षण दिया जाता है जिसमें उम्र के सीमा में छूट नहीं दी जाती है। जिसको लेकर विधानसभा सत्र में परबत्ता विधायक ने सरकार को इस बात से अवगत कराया की महाराष्ट्र गुजरात मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ईडब्ल्यूएस के तहत अभ्यर्थियों को 5 वर्ष की उम्र में छूट दी जाती है जिसको लेकर बिहार में भी अभ्यर्थियों के उम्र में 5 वर्ष की छूट होनी चाहिए।
हालाँकि मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि संविधान के नियम के तहत यह केंद्र सरकार ही कर सकती है जब तक केंद्र सरकार इस नियम में बदलाव नहीं करेगी। तब तक बिहार सरकार इस पर कुछ नहीं कर सकती है। अब सवाल उठता है जब केंद्र सरकार की मर्जी के बिना राज्य सरकार ईडब्ल्यूएस के तहत भारतीयों के उम्र सीमा में छूट नहीं दे सकती तो अन्य राज्यों जैसे गुजरात महाराष्ट्र में ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों की उम्र सीमा में 5 वर्ष की छूट किस शर्त पर दी जाती है।
EWS सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए बनाया गया था, जिसके तहत आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाता है। साल 2019 की जनवरी में केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी, स्कूल और कॉलेज में आरक्षण देने के लिए आर्थिक आधार पर 10 फीसदी का आरक्षण लागू किया था। इसके लिए संविधान में 103वां संशोधन किया गया था।
खगड़िया से अमित की रिपोर्ट