Bihar News: हाय रे सरकार! एक तरफ विकास की बहार तो दूसरी तरफ खगड़िया में चचरी के पूल से लोग नदी करते हैं पार, आजादी के 78 साल बाद ये है हाल
Bihar News: बिहार में एक तरफ विकास की बहार है तो दूसरे तरफ खगड़िया में चचरी के पूल से लोग नदिया पार करने को विवश हैं।

Bihar News: आजादी के लंबे सफर के बाद भी आज भी खगड़िया की एक बड़ी आबादी जान जोखिम में डालकर बांस और बल्ली से बने चचरी के पुल से पर होकर खगड़िया शहर आते हो जहां एक तरफ बिहार सरकार अपने विकास की बात करती है वही खगड़िया का यह सुदूर दियारा इलाका आज भी खगड़िया से सही से जुड़ नहीं पा रहा है।
दरअसल खगड़िया मुख्यालय से महज कुछ दूर स्थित मानसी प्रखंड स्थित बुढी गंडक नदी पर आज भी बांस और बल्ली से चचरी का पुल बना हुआ है। प्रखंड का तीन गांव टीकारामपुर सोनबरसा और तौकीर जिसके कल आबादी 15000 से भी अधिक है आज भी मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ा हुआ है। लोग आज भी अपनी दैनिक जरूरत को पूरा करने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर इस चचरी पुल के सहारे नदिया पार करते हैं।
जब बाढ़ का पानी चारों तरफ फैल जाता है तो खगड़िया मुख्यालय से 6 महीने तक यह तीनों गांव अलग हो जाता है। आज भी इन तीनों गांव में ना स्वास्थ्य सुविधाएं सही से पहुंच पाई है ना शिक्षा व्यवस्था और ना सड़कें और ना बिजली।
यहां के ग्रामीण साथो यादव ने बताया समस्या तब बड़ी हो जाती है जब कोई महिला प्रेगनेंसी के लिए मुख्यालय तक जाना चाहती है और रात्रि में इस चचरी पूल को पार करना होता है। कई लोगों की मौत इसलिए हो गई है क्योंकि रात्रि में इस पुलिया से पार करना खतरे के समान है। लोग इस बांस बल्ली के पुल पर पैदल बाइक आदि से पार करते हैं कई मर्तबा बाइक नदी में गिर गई है और संबंधित युवक की मौत हो गई है लेकिन आज तक सरकार का कोई ध्यान यहां तक नहीं पहुंच पाया है।
यहां के ग्रामीण बताते हैं कि जब चुनाव का समय आता है तो नेता यहां आते हैं और यह कह कर चले जाते हैं कि जल्द ही इस पर पुलिया का निर्माण होगा लेकिन जीतने के बाद कोई देखने तक यहां नहीं आता आखिरकार सरकार का ध्यान हम लोगों पर कब पड़ेगा।
रिपोर्ट- अमित कुमार