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Bihar Teacher News : चावल दाल की लड़ाई में स्कूल में पहुंचे प्रधानाध्यापिका के पति, सहायक शिक्षिका को पीट डाला, पीड़िता बोली-प्रेग्नेंट हूँ फिर भी...

Bihar Teacher News : चावल दाल की लड़ाई में प्रधानाध्यापिका के पति स्कूल में पहुँच गए. इसके बाद उन्होंने शिक्षिका की जमकर पिटाई कर दी....पढ़िए आगे

Bihar Teacher News : चावल दाल की लड़ाई में स्कूल में पहुंचे प्रधानाध्यापिका के पति, सहायक शिक्षिका को पीट डाला, पीड़िता बोली-प्रेग्नेंट हूँ फिर भी...
शिक्षिका की पिटाई - फोटो : social media

KHAGARIA : एक तरफ जहां बिहार सरकार लगातार शिक्षकों की बहाली कर रही है। ताकि बिहार के  सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधि में सुधार हो। लेकिन कुछ एक विद्यालय के शिक्षक चावल दाल तक ही सीमित है। मामला परबत्ता प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश लगार का है जहां की प्रधानाध्यापिका रंजू शर्मा है। वह  बीवी साजिदा खातून को प्रभार देकर कार्यालय के कार्य से बाहर गई थी । उन्होंने उसे मैसेज किया कि आप मध्यान भोजन में अधिक बच्चों की उपस्थिति दिखाइए । लेकिन बीवी साजिदा खातून इस बात के लिए तैयार नहीं हुई और मामला गर्म हो गया। अगले दिन रंजू शर्मा अपने पति राजाराम शर्मा के साथ विद्यालय आई आते ही मामला गर्म हो गया और संजू शर्मा के पति राजाराम शर्मा ने एक शिक्षिका का बाल पकड़ कर उसे पटक दिया। अन्य दो शिक्षिका   नेहा कुमारी और खुशबू कुमारी भी इस झगड़े में गिर गई और मामला गर्म हो गया। तब जाकर ग्रामीणों ने 112 पर कॉल किया और पुलिस विद्यालय पहुंची मामला दर्ज कर लिया गया है। 

अब सवाल उठता है जहां सरकार विद्यालय व्यवस्था के सुधारने के चक्कर में है वही विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का मध्यान भोजन के तहत अपना इनकम बढ़ाने के चक्कर में है। घटना के चश्मदीद रसोईया ने बताया कि सारी गलती उसके पति और प्रधानाध्यापिका की है जिन्होंने अन्य शिक्षकों की पिटाई कर दी।

नेहा कुमारी जो इस विद्यालय की सहायक शिक्षिका है उन्होंने कहा कि मैं गर्भवती हूं और प्रधानाध्यापिका को पता है कि मैं गर्भवती हूं फिर भी पटक दिया। जबकि विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रंजू शर्मा ने इस प्रकार के किसी भी आरोप को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा मैं विद्यालय का प्रभार लेना नहीं चाहती थी। मुझे जबरदस्ती प्रभार दिया गया। मैं इस झमेले में नहीं पड़ना चाहती थी। लेकिन सवाल उठता है की अगर वह प्रभार नहीं लेना चाहती थी । फिर भी उन्हें जबरदस्ती कैसे प्रभार दिया गया और मध्यान भोजन में अधिक बच्चों की उपस्थिति दिखाने का प्रयास क्यों किया गया। 

खगड़िया से अमित की रिपोर्ट

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