Surjapuri : बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सदस्य मोहम्मद जावेद ने मांग की कि सुरजापुरी समुदाय को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल किया जाए. उन्होंने सोमवार को लोकसभा में यह मांग रखी. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मोहम्मद जावेद ने बिहार के सीमांचल और मुख्यतः किशनगंज जिले में मौजूद सुरजापुरी आबादी को लेकर उनके यह मांग रखी.
उन्होंने बताया कि नीति आयोग के हिसाब से सीमांचल बिहार में सुरजापुरी की ज्यादा आबादी है, जिनमें 65% BPL हैं. इतना ही नहीं सुरजापुरी को पश्चिम बंगाल में आरक्षण मिल रहा है, लेकिन बिहार में नहीं मिल रहा है. इसलिए सुरजापुरी को ओबीसी समुदाय को केंद्रीय सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
किशनगंज सांसद ने कहा कि सुरजापुरी को लेकर बिहार सरकार और नीति आयोग द्वारा एक समर्पित सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. सुरजापुरी के लिए शिक्षा, रोजगार और वित्तीय सहायता को लक्षित करते हुए कई कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन, जैसा कि अन्य राज्यों में समान स्थिति वाले समुदायों के लिए किया जाता है.
सुरजापुरी क्या है
सुरजापुरी भाषा भारत के बिहार के किशनगंज के साथ ही अररिया, पूर्णिया, कटिहार जिले में एक बड़ी आबादी द्वारा बोली जाती है. यह मुख्यतः मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा बोली जाती है. सीमांचल के जिलों में बोली जाने वाली मैथिलि और अंगिका जैसी भाषाओं से सुरजापुरी पूरी तरह अलग है.
जाति गणना में 2 फीसदी
बिहार की जाति आधारित गणना में सुरजापुरी मुस्लिम की आबादी 2% से कम बताई गई. मोहम्मद जावेद का दावा रहा है कि पश्चिम बंगाल और असम में रहने वाले सुरजापुरी समुदाय के लोगों को नासिया शेख जाति के तौर पर ओबीसी में जगह दी गई है.सांसद का कहना है कि बिहार सरकार ने सुरजापुरी बोली के आधार पर सीमित कर सुरजापुरी मुस्लिम के नाम से पिछड़ा वर्ग अनुसूची – 2 में रख दिया जबकि पूर्णिया प्रमंडल में बसने वाले सुरजापुरी लोग वास्तव में नासिया शेख हैं.