Rail news - सीमांचल के लोगों का दशकों पुराना सपना होगा पूरा, 110 किमी लंबे अररिया–गलगलिया रेलखंड पर इस तारीख से चलेगी ट्रेनें
Rail news - बिहार का सीमांचल इलाका जल्द ही रेलवे नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है। 110 किमी लंबे अररिया-गलगलिया रेलखंड इसी महीने ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है।

kishanganj - सीमांचल के लोगों का दशकों पुराना सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। उम्मीद है कि आगामी 15 सितंबर का दिन इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्णिया आगमन पर इस क्षेत्र को कई बड़ी सौगातें मिलने की संभावना है। सबसे बड़ी उम्मीद अररिया-गलगलिया रेलखंड के शुभारंभ की है। इस रेलखंड पर ट्रेन परिचालन के लिए स्टेशनों पर तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं।
110 किलोमीटर का नया रेलखंड
इस 110 किलोमीटर लंबे नए रेलखंड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यह रेलखंड ठाकुरगंज से शुरू होकर भोगडावर, कादोगांव, पौआखाली, तुलसिया, बीबीगंज, टेढागाछ, कलियागंज, बरदहा, लक्ष्मीपुर, खवासपुर, रहमतपुर, अररिया कोर्ट और अररिया तक जाएगा। इन सभी स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और स्टेशन मास्टर समेत अन्य रेलकर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी चल रही है।
तकनीकी मंजूरी मिली
इस रेलखंड पर रेल परिचालन के लिए सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) निरीक्षण हो चुका है और इसे हरी झंडी भी मिल गई है। अररिया-अररिया कोर्ट-रहमतपुर सेक्शन (8.24 किमी) अप्रैल 2024 में और पौआखाली-ठाकुरगंज सेक्शन (23.24 किमी) नवंबर 2024 में चालू हो चुका है। अब सबसे लंबा सेक्शन-रहमतपुर से पौआखाली (79.77 किमी) भी चालू हो गया है, जिससे पूरा अररिया-गलगलिया ब्रॉडगेज कॉरिडोर तैयार है। इस नई लाइन पर 100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से ट्रेनें चल सकती हैं।
क्षेत्र के विकास को मिलेगी गति
इस रेलखंड के चालू होने से किशनगंज और अररिया जैसे सीमावर्ती जिलों के हजारों परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। जोगबनी और कटिहार से सिलीगुड़ी के लिए नई डेमू ट्रेनें भी चलाई जा सकती हैं। अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा है कि काम लगभग पूरा हो गया है और आधिकारिक घोषणा का इंतजार है। 15 सितंबर को प्रधानमंत्री के पूर्णिया कार्यक्रम के दौरान इसके लोकार्पण की प्रबल संभावना है, जिससे सीमांचल के लोगों की दशकों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी।