Bihar Crime: लखीसराय परिवहन विभाग में उगाही का धंधा! ओवरलोड जांच की आड़ में रंगदारी, धमकी और यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे डीटीओ पर कसा शिकंजा, सचिव ने मांगा जवाब

लखीसराय जिले के DTO की उगाही तंत्र की खबर न्यूज4नेशन पर चलने के बाद परिवहन विभाग की कुभकर्णी नींद टूटी है......

Extortion Racket in Lakhisarai Transport Dept
ओवरलोड जांच की आड़ में रंगदारी, धमकी और यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे डीटीओ पर कसा शिकंजा- फोटो : reporter

Bihar Crime: लखीसराय जिले के परिवहन विभाग की गलियों में इन दिनों खांटी अपराध भाषा गूंज रही है। कागजों में सरकार ओवरलोडिंग पर सख्ती के दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। आरोप है कि जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) और उनके खास मातहत मिलकर एक संगठित उगाही तंत्र चला रहे हैं, जहां कानून नहीं, बल्कि डर का राज चलता है। News4Nation को बीते कई हफ्तों से वाहन मालिकों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि ओवरलोड जांच के नाम पर ट्रैक्टर, पिकअप, ट्रक, टेम्पू और यहां तक कि टोटो तक को जबरन कैंपस में खींच लाया जाता है।

इसके बाद शुरू होता है धमकी का खेल-कागज पूरे हैं, वजन सही है, फिर भी चालान काटने और गाड़ी जब्त करने की चेतावनी दी जाती है। इशारा साफ होता है “समझदारी दिखाओ, वरना नुकसान तय है।” जब यह पूरा घटनाक्रम News4Nation पर उजागर हुआ, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी और परिवहन विभाग हरकत में आया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन विभाग के सचिव ने लखीसराय डीटीओ से स्पष्टीकरण तलब किया है। सचिव के पत्र में साफ उल्लेख है कि विधायक प्रहलाद यादव द्वारा डीटीओ पर पद के दुरुपयोग का परिवाद दिया गया है। पत्र के अनुसार, वाहन जांच के दौरान सही कागजात होने के बावजूद अवैध धन की मांग और विरोध करने पर धमकी दिए जाने के आरोप हैं।

इतना ही नहीं, कई अन्य शिकायतें भी सामने आई हैं। एक महिला वाहन स्वामी ने रंगदारी न देने पर गाड़ी जब्त करने और जानलेवा हमले की साजिश का आरोप लगाया है। जदयू के एक जिला कार्यकारिणी सदस्य ने सिपाही के जरिए अवैध वसूली का मामला उठाया है। वहीं, तत्कालीन अपर जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा जातिसूचक गाली, करियर बर्बाद करने की धमकी और झूठे यौन उत्पीड़न के प्रचार जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं, जिनकी गूंज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुकी है।

अब सवाल सीधा है क्या लखीसराय परिवहन विभाग कानून का पालन करेगा या अपराध की भाषा ही उसकी पहचान बनी रहेगी? परिवहन विभाग के सचिव द्वारा जवाब एक हफ्ते में मांगा गया है,आगे देखना होगा कि डीटीओ का जवाब क्या रहता है...

लखीसराय से धीरज पराशर की विशेष रिपोर्ट