Bihar Airport news - भारत चीन युद्ध में इस्तेमाल एयरपोर्ट पर फिर से होगी विमानों की लैंडिंग, जमीन अधिग्रहण के लिए नीतीश सरकार ने दिए 207 करोड़

Bihar Airport news - भारत चीन युद्ध में इस्तेमाल एयरपोर्ट पर

Motihari - बिहार में कई जिलों में एयरपोर्ट शुरू करने का प्रस्ताव है। जिसमें एयरपोर्ट भारत नेपाल की सीमा से सटे पूर्वी चंपारण(मोतिहारी) भी शामिल है। अब यहां एयरपोर्ट को लेकर जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी आ गई है। 

बता दें कि मोतिहारी मे रक्सौल में एयरपोर्ट शुरू किया जाना है। जिसके लिए अब जमीन की समस्या खत्म करने की तैयारी शुरू हो गई है। आज नीतीश कैबिनेट की बैठक में एयरपोर्ट को 207.70 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से अधियाचना मिलने के बाद एसआईए का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है।

11 जून को एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान की टीम अपनी पहली रिपोर्ट सौंपेगी। बताया गया कि 20 जून तक अंतिम रिपोर्ट आने के बाद भूमि का अधिग्रहण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

पहले से 137 एकड़ जमीन उपलब्ध

पूर्व में हवाई अड्डा के पास 137 एकड़ भूमि उपलब्ध थी। शेष 139 एकड़ भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण हवाई अड्डा का मामला लटका था। जिला भू-अर्जन विभाग कार्यालय ने भूमि अधिग्रहण को लेकर कहा कि जल्द ही भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा करते हुए रैयतों के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।

चार गांव के 6 सौ रैयत

हवाई अड्डा के निर्माण के लिए रक्सौल अंचल के छह गांवों में 139 एकड़ नई जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। भूमि चिह्नित कर उसकी पैमाइश कर खेसरा पंजी तैयार की गई है। छह गांवों में करीब चार सौ रैयतों की जमीन को अधिग्रहित किया जाना है। अधिग्रहण रक्सौल अंचल के चिकनी, सिंहपुर, सिसवा, एकडेरवा, भरतमही व चंदौली गांव में किया जाना है।

भारत-चीन युद्ध के लिए हुआ था निर्माण

बता दें कि इस एयरपोर्ट की स्थापना 1962-63 में भारत-चीन युद्ध के समय किया गया था। तब उद्देश्य था कि युद्ध के दौरान चीन से भाया नेपाल सटने वाली इस सीमा पर भी जरूरत के हिसाब से सेना के विमान उतारे जा सकें।