Bihar Teacher News: इस वजह से चंद मिनटों में जंग के अखाड़े में तब्दील हो गया स्कूल! प्रिंसिपल और शिक्षक के बीच जमकर बरसे लाठी-डंडे, हो गए बेहोश

Bihar Teacher News: बिहार के मोतिहारी में एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील के कमीशन को लेकर प्रधानाध्यापक और सहायक शिक्षक के बीच लाठी-डंडे से मारपीट हुई। घटना में दोनों शिक्षक और एक कंप्यूटर शिक्षक घायल हो गए।

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Bihar teacher- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी स्कूलों में कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर देते हैं। मोतिहारी से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक मिडिल स्कूल का वातावरण शिक्षा के बजाय हिंसा और अफरातफरी का केंद्र बन गया। स्कूल के प्रधानाध्यापक पवन कुमार पासवान और सहायक शिक्षक हरिशंकर पासवान के बीच मिड डे मील में कमीशन को लेकर विवाद इस हद तक बढ़ गया कि दोनों के बीच लाठी-डंडों से मारपीट हो गई।

स्कूल बना अखाड़ा: कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?

यह घटना हरसिद्धि थाना क्षेत्र के पैठानपट्टी मिडिल स्कूल में हुई। जानकारी के अनुसार, लंबे समय से दोनों के बीच मिड डे मील के खर्च और कमीशन को लेकर अनबन चल रही थी। शनिवार को यह विवाद अचानक उग्र हो गया जब सहायक शिक्षक हरिशंकर पासवान अपने समर्थकों के साथ स्कूल में घुस गए और प्रधानाध्यापक पर हमला कर दिया।

इस झड़प में प्रधानाध्यापक का बेटा भी घायल हो गया, जो स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक के तौर पर कार्यरत है और बीच-बचाव करने की कोशिश कर रहा था। दोनों के सिर पर गहरी चोटें आईं, वहीं सहायक शिक्षक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े।

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ग्रामीणों की मध्यस्थता और पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद स्कूल परिसर में भारी हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायलों को उचित चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल भेजा।ग्रामीणों का आरोप है कि मिड डे मील में कमीशन को लेकर यह विवाद पिछले कई महीनों से चला आ रहा था, लेकिन विभागीय या प्रशासनिक स्तर पर कोई समाधान नहीं निकला, जिससे मामला हिंसक रूप ले बैठा।

शिक्षकों के बीच हिंसा: शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल

इस घटना ने बिहार की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इन दावों को झुठलाती दिख रही है।मिड डे मील जैसी योजना बच्चों के पोषण और उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन जब उसी योजना को लेकर शिक्षक आपस में भिड़ जाएं, तो यह शिक्षा से ज्यादा प्रशासनिक विफलता को उजागर करता है।

आगे की कार्रवाई और जांच की आवश्यकता

इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों और अभिभावकों के बीच भय का माहौल है। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है और प्रशासन से मांग की जा रही है कि दोनों शिक्षकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह तुरंत इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए और मिड डे मील जैसी योजनाओं के संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करे।