Bihar Police: 112 नंबर की नाकामी, अपराधियों का पीछा करने से पहले पुलिस की गाड़ी ने छोड़ा साथ, अब धक्का-मार गाड़ी से होगा क्राइम कंट्रोल

Bihar Police:अपराध की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर रवाना हुई, लेकिन बीच रास्ते में गाड़ी ने दम तोड़ दिया। लाख कोशिश के बावजूद गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई।....

Failure of number 112 police
अब धक्का मारो, अपराधियों को पकड़ो, पुलिस का नया फॉर्मूला- फोटो : social Media

Bihar Police: पुलिस चाहे जितना हाईटेक होने के दावे करे, लेकिन ज़मीनी हकीकत उनके दावों की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आती। ताज़ा नज़ारा मोतीहारी पकड़ीदयाल अनुमंडल के पकड़ीदयाल थाना से सामने आया है, जहां अपराधियों से निपटने से पहले पुलिस को अपनी ही गाड़ी से जूझना पड़ गया।

घटना डायल 112 की है। सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर रवाना हुई, लेकिन बीच रास्ते में गाड़ी ने दम तोड़ दिया। लाख कोशिश के बावजूद गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। मजबूरी में पुलिस वालों को ‘कानून-व्यवस्था’ संभालने से पहले इंजन-व्यवस्था संभालनी पड़ी।

हालत ऐसी हो गई कि जिस गाड़ी से अपराधियों का पीछा करना था, उसी को आम लोगों के सहारे धक्का मारकर ले जाना पड़ा। देखते ही देखते डायल 112 की ‘रफ्तार वाली गाड़ी’ सोशल मीडिया पर धक्का-मार गाड़ी के नाम से मशहूर हो गई।

वीडियो वायरल होने के बाद लोग चुटकी लेने लगे कि अगर अपराधी भागे तो पुलिस पहले गाड़ी धकेलेगी या उन्हें पकड़ेगी? हाईटेक पुलिस की गाड़ी धक्का-टेक कैसे बन गई? स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो अपराधियों को पकड़ना तो दूर, पुलिस खुद सड़क पर ‘परेशानी का तमाशा’ बन जाएगी।

यह कोई पहली बार नहीं है जब बिहार पुलिस की गाड़ी ने ऐसी किरकिरी कराई हो। कभी गाड़ियों में डीज़ल नहीं, कभी वायरिंग फेल, तो कभी इंजन जवाब दे देता है। लेकिन इस बार मामला सीधा ‘साख’ से जुड़ गया।डायल 112 सेवा का मकसद है “जहां नागरिक मुसीबत में हों, वहां तुरंत पुलिस मदद पहुंचाए।” मगर मोतीहारी में नज़ारा उल्टा हो गया पुलिस खुद मुसीबत में थी और नागरिकों ने उन्हें धक्का देकर मदद पहुंचाई।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अब पुलिस प्रशासन की तैयारी और ‘सिस्टम की हालत’ का आइना बन चुका है। अपराधी भले ही 5G स्पीड में भागें, मगर पुलिस अगर धक्का-मार गाड़ियों पर ही निर्भर रही, तो पकड़ना नामुमकिन ही नहीं, नामुमकिन से भी आगे होगा।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार