Bihar Politics : चुनाव ड्यूटी से गायब रहना अधिकारियों को पड़ा महंगा, दो के वेतन पर डीडीसी ने लगाई रोक

Bihar Politics : चुनाव ड्यूटी से गायब रहना अधिकारियों को पड़ा

MOTIHARI : आगामी विधानसभा चुनाव को भयमुक्त, शांतिपूर्ण और स्वच्छ तरीके से संपन्न कराने के लिए मोतीहारी जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। जिलाधिकारी (डीएम) सौरभ जोरवाल और पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्वर्ण प्रभात लगातार ईवीएम कमीशनिंग, चेक पोस्ट और सघन वाहन जाँच जैसे कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं और अधिकारियों को सख्त निर्देश दे रहे हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात एक किए हुए है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता न हो।

ईवीएम कमीशनिंग में पारदर्शिता

इसी क्रम में, आज जिला के सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम (EVM) कमीशनिंग का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न किया गया। यह कार्य संबंधित निर्वाचक पदाधिकारी और प्रत्याशी या उनके नामित सदस्यों की उपस्थिति में किया गया, जिससे पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे। चुनाव की तैयारियों में ईवीएम कमीशनिंग एक महत्वपूर्ण चरण होता है, और प्रशासन इसे त्रुटिहीन तरीके से पूरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा है।

केसरिया में ड्यूटी से अनुपस्थिति पर सख्ती

हालांकि, केसरिया विधानसभा के ईवीएम कमीशनिंग के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई। ड्यूटी लगाए जाने के बावजूद, केसरिया प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी और राजस्व अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। इस गंभीर चूक को निर्वाचन प्रक्रिया में बाधा डालने के रूप में देखा गया। उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सह निर्वाचक पदाधिकारी, केसरिया ने इस पर संज्ञान लिया और तुरंत सख्त कार्रवाई की।

डीडीसी ने वेतन स्थगित कर मांगा स्पष्टीकरण

केसरिया विधानसभा के निर्वाचक पदाधिकारी सह मोतीहारी डीडीसी प्रदीप कुमार ने दोनों अनुपस्थित पदाधिकारियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए पत्र जारी किया। डीडीसी ने दोनों पदाधिकारियों का वेतन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है और उन्हें 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। डीडीसी ने बताया कि उन्हें पत्रांक 177 दिनांक 29 अक्टूबर के तहत उच्च विद्यालय केसरिया में कमीशनिंग के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था, लेकिन वे बिना सूचना के अनुपस्थित रहे।

लापरवाही करने वालों में हड़कंप

डीडीसी की इस कठोर कार्रवाई से चुनावी ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले अन्य सरकारी कर्मियों में हड़कंप मच गया है। डीडीसी ने चेतावनी दी है कि यदि स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो दोनों पदाधिकारियों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज की जाएगी। प्रशासन का यह कदम यह स्पष्ट संदेश देता है कि चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट