Motihari News: बुरे फंसे मोतिहारी की मेयर प्रीति गुप्ता के हसबैंड! पुलिस ने इस मामले को लेकर FIR किया दर्ज, 12 ठिकानों पर की ताबड़तोड़ छापेमारी
Motihari News: मोतिहारी की मेयर प्रीति गुप्ता के पति देवा गुप्ता समेत 15 लोगों के खिलाफ संगठित अपराध, धोखाधड़ी व रंगदारी की धाराओं में एफआईआर दर्ज। पुलिस की कई स्थानों पर छापेमारी जारी।

Motihari News: मोतिहारी नगर निगम की मेयर प्रीति गुप्ता के पति देवा गुप्ता और उनके 14 अन्य साथियों के खिलाफ संगठित अपराध, धोखाधड़ी और रंगदारी की गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस की गतिविधियां तेज हो गई हैं। नगर थाना में दर्ज इस एफआईआर के बाद, एक ही दिन में पुलिस ने 12 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें आवास, व्यावसायिक ठिकाने और बाहरी जिलों के पते शामिल हैं।
यह मामला न केवल स्थानीय राजनीति और प्रशासन में हलचल मचा रहा है, बल्कि इससे कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। देवा गुप्ता की भूमिका को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिनमें कांट्रेक्ट किलिंग और संगठित आपराधिक नेटवर्क का संचालन शामिल है।
छापेमारी की विस्तृत कार्रवाई: 12 ठिकानों पर एक साथ दबिश
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के अंतर्गत अपर पुलिस अधीक्षक शिवम धाकड़ के नेतृत्व में कई टीमें बनाई गईं, जो देर रात तक अलग-अलग ठिकानों की छानबीन करती रहीं। इन स्थानों में देवा गुप्ता और मेयर प्रीति गुप्ता के आवासीय कार्यालय, गांधीनगर रमना, शहर के प्रमुख मार्गों पर स्थित व्यावसायिक प्रतिष्ठान, और देवा के रिश्तेदारों के घर शामिल थे।शहरी क्षेत्र के अलावा, ढाका, अरेराज, गोविंदगंज और संग्रामपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस की टीमों ने संभावित ठिकानों पर दबिश दी। दिल्ली में देवा गुप्ता के सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की योजना है, जिससे इस नेटवर्क की राष्ट्रीय कड़ी सामने आने की आशंका है।
संगठित अपराध और रंगदारी के गंभीर आरोप
एफआईआर की प्रतिलिपि के अनुसार, संजय कुमार जायसवाल उर्फ धीरज जायसवाल की शिकायत पर यह कार्रवाई शुरू हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि देवा गुप्ता और उनके साथी न केवल मोतिहारी में, बल्कि अन्य जिलों में भी कांट्रेक्ट किलिंग, धमकी, और अवैध वसूली जैसे संगठित अपराधों में लिप्त हैं। उनके खिलाफ पहले से कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं।इस एफआईआर के साथ ही पुलिस अब अपराध के नेटवर्क, लेन-देन और संभावित साक्ष्यों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। खास बात यह है कि कई कंपनियों और संपत्तियों में देवा गुप्ता के रिश्तेदारों के नाम सामने आए हैं, जिनकी भी जांच की जा रही है।
देवा गुप्ता के रिश्तेदार भी जांच के घेरे में
प्राथमिकी में नामित कंपनियों और लोगों में देवा गुप्ता के चाचा, भाई, मामा, मौसा और बहनोई तक शामिल हैं। पुलिस इस आपराधिक नेटवर्क में परिवार की भागीदारी की तह में जाने की कोशिश कर रही है। देवा के कुछ सहयोगी अन्य जिलों से ताल्लुक रखते हैं, जिनकी जानकारी जुटाने के लिए पुलिस दूसरे जिलों से भी संपर्क कर रही है।