Bihar Health News: पीएचसी की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का भंडाफोड़, आरडीडी के औचक निरीक्षण में प्रभारी गायब, बिना जांच के बन रही थी रिपोर्ट
एएनएम मरीजों का बिना वजन लिए, बिना बीपी जांच किए ही अपने अंदाज से परचे पर रिपोर्ट लिखती पाई गईं।अस्पताल में अधिकांश कर्मचारी गायब थे, न प्रभारी मिले, न लिपिक, न डेटा ऑपरेटर और न ही बीसीएम बीएचएम।
Bihar Health News: जिस व्यवस्था पर ग्रामीण अपनी जिंदगी का भरोसा करते हैं, उसी पीएचसी की हकीकत देखकर अधिकारी खुद भौंचक रह गए। अस्पताल में अधिकांश कर्मचारी गायब थे, न प्रभारी मिले, न लिपिक, न डेटा ऑपरेटर और न ही बीसीएम बीएचएम। सिर्फ ओपीडी में दो चिकित्सक डॉ. संदीप कुमार और डॉ. नफीस अहमद मौजूद पाए गए। मोतीहारी जिले के बंजरिया प्रखंड स्थित पकड़िया पीएचसी में मंगलवार को क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक (आरडीडी) डॉ. शंकर बैठा के औचक निरीक्षण ने स्वास्थ्य व्यवस्था की असलियत उजागर कर दी।
सबसे चौंकाने वाली लापरवाही वाइटल डेस्क पर तैनात एएनएम प्रीति कुमारी की मिली। वह मरीजों का बिना वजन लिए, बिना बीपी जांच किए ही अपने अंदाज से परचे पर रिपोर्ट लिखती पाई गईं। जब आरडीडी ने बीपी मशीन और पल्स ऑक्सीमीटर के बारे में पूछा, तो उसने बैट्री खत्म होने की बात कही। मशीनें गायब थीं, और मरीजों की जांच कागज पर महज औपचारिकता की तरह लिखी जा रही थी। इस गंभीर लापरवाही पर आरडीडी ने एएनएम को मौके पर ही कड़ी फटकार लगाई और नाराजगी जाहिर की।
निरीक्षण के दौरान पीएचसी के कार्यालय का हाल और भी बदतर मिला कार्यालय में ताला लटका था।लिपिक, बीएचएम संजय कुमार शर्मा, बीसीएम बृजकिशोर सिंह, डेटा ऑपरेटर देवेंद्र कुमार सब बिना सूचना गायब मिले।सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सजिया तरन्नुम भी बिना सूचना अनुपस्थित थीं। जब निरीक्षण की जानकारी मिली, तब वह आनन-फानन में अस्पताल पहुंचीं और क्षेत्र में थीं का हवाला देने लगीं।
आरडीडी ने प्रसव कक्ष, वार्ड और साफ-सफाई का भी निरीक्षण किया, जहाँ व्यापक अव्यवस्था देखकर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई। अस्पताल की बदहाली साफ दिख रही थी न समय पर स्टाफ, न जांच उपकरण, न रिकॉर्ड की पारदर्शिता।निरीक्षण के बाद आरडीडी ने सभी गायब कर्मियों की हाजिरी काट दी और स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने साफ कहा कि बिना वजह अनुपस्थित रहने वाले या असंतोषजनक जवाब देने वाले किसी भी कर्मचारी पर कानून संगत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पीएचसी प्रभारी को तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए।
जांच में मोतीहारी के इस पीएचसी का हाल खुदबखुद स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बयां कर दिया। साफ दिखा कि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था किस हद तक लापरवाही का शिकार है जहाँ मरीजों की जिंदगी अंदाज़े की पट्टी पर चल रही है और अस्पताल भरोसे पर नहीं, बल्कि किस्मत पर छोड़ दिया गया है।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार