Bihar News: कलियुग के श्रवण कुमार, 90 किमी कांवर यात्रा में मां-बाप को बैठाकर सोमेश्वरनाथ तक पहुँचे पुत्र
Bihar News: बिहार के काशी कहे जाने वाले अरेराज स्थित प्रसिद्ध सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर में अनंत चतुर्दशी का मेला आस्था, परंपरा और भक्ति का अनोखा संगम बन गया है।..

Bihar News: बिहार के काशी कहे जाने वाले अरेराज स्थित प्रसिद्ध सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर में अनंत चतुर्दशी का मेला आस्था, परंपरा और भक्ति का अनोखा संगम बन गया है। नेपाल, शिवहर, सीतामढ़ी समेत कई जिलों से लाखों श्रद्धालु बागमती नदी के बेलवा घाट से जल भरकर कांवर यात्रा कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य शिविर और नियंत्रण कक्ष जैसी सुविधाएँ मुहैया कराई हैं।लेकिन इस बार कांवर यात्रा में जो दृश्य सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है मातृ-पितृ भक्ति का जीवंत उदाहरण।
शिवहर जिले के श्यामपुर भटहां थाना क्षेत्र निवासी 70 वर्षीय नरेश सिंह और उनकी पत्नी को उनके दो पुत्र – बबन सिंह और निरंजन सिंह – कांवर में बैठाकर यात्रा पर निकले हैं। 90 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में दोनों भाई कांवर को बारी-बारी से ढोते हुए सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुँचने की राह पर हैं।
रास्ते भर लोग उन्हें “कलियुग का श्रवण कुमार” कहकर सम्मानित कर रहे हैं। जगह-जगह स्वागत हो रहा है, लोग पुष्पवर्षा कर भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
दोनों भाइयों ने कहा कि मां-बाप अपने बच्चों के लिए पूरा जीवन न्योछावर कर देते हैं। उनका ऋण कोई चुका नहीं सकता। यह हमारी छोटी-सी कोशिश है उनके प्रति अपने कर्तव्य निभाने की।उनकी यह अनोखी आस्था यात्रा श्रद्धालुओं के बीच आदर्श बन गई है।
सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर का महत्व महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में वर्णित है। मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं चंद्रमा ने की थी। जनकपुर से अयोध्या जाते समय भगवान राम और माता सीता ने यहां पूजा-अर्चना की थी। कहा जाता है कि यहीं माता जानकी ने पुत्र रत्न की कामना की थी और उनकी मनोकामना पूरी हुई। तब से यह मंदिर “पुत्र प्राप्ति के वरदान स्थल” के रूप में प्रसिद्ध है।
अनंत चतुर्दशी पर शुरू हुआ यह मेला चार दिनों तक चलता है। इस दौरान लाखों कांवरिये 100 किलोमीटर की दूरी तय कर जलाभिषेक करते हैं। नेपाल से लेकर बिहार के कोने-कोने तक से भक्तों का सैलाब उमड़ता है।