Bihar Crime : मुंगेर बना साइबर ठगों का नया गढ़: डिजिटल जाल में फंसे शहरवासी, चार बड़ी घटनाओं में लाखों की चपत

Bihar Crime : मुंगेर साइबर ठगों का नया चारागाह बना है. जहाँ डिजिटल जाल में शहरवासी फंस रहे हैं. जिले में अपराधियों ने लाखों की चपत लगा दी है.......पढ़िए आगे

Bihar Crime : मुंगेर बना साइबर ठगों का नया गढ़: डिजिटल जाल मे
साइबर ठगों का नया ठिकाना - फोटो : IMTIYAZ

MUNGER : मुंगेर जिला इन दिनों साइबर अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट पर है, जहाँ शातिर ठग नए-नए हथकंडों से लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से साइबर ठगी के चार बड़े मामले सामने आए हैं, जिसने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है। सेवानिवृत्त रेलकर्मी से लेकर छात्रा तक, कोई भी इन डिजिटल लुटेरों के चंगुल से सुरक्षित नहीं दिख रहा है।

ठगी का सबसे बड़ा मामला जमालपुर से सामने आया है, जहाँ रेल कारखाना से सेवानिवृत्त 61 वर्षीय घनश्याम पंडित को अपना शिकार बनाया गया। ठगों ने खुद को रेलकर्मी बताकर पेंशन अपडेट करने का झांसा दिया और उनसे एक घातक APK फाइल डाउनलोड करवा ली। जैसे ही फाइल इंस्टॉल हुई, ठगों ने उनके बैंक खाते का एक्सेस प्राप्त कर लिया और देखते ही देखते ₹10 लाख की बड़ी राशि उड़ा ली। बुजुर्ग पेंशनभोगी अब अपनी जमापूंजी वापस पाने के लिए पुलिस के चक्कर काट रहे हैं।

वहीं, पूरबसराय और कासिम बाजार इलाके में भी ठगों ने तकनीकी और सरकारी योजनाओं का सहारा लेकर लोगों को ठगा। आईटी कर्मी जिशान अली का एटीएम कार्ड मशीन में फंसने पर जब उन्होंने फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर मदद मांगी, तो ठगों ने उनके खाते से ₹1.06 लाख पार कर दिए। दूसरी ओर, कासिम बाजार के इन्द्रदेव पोद्दार को 'आंगनबाड़ी सहायता राशि' भेजने का प्रलोभन दिया गया और उनसे ₹48 हजार की ठगी कर ली गई। अपराधी अब सरकारी योजनाओं के नाम का सहारा लेकर आम लोगों का भरोसा जीत रहे हैं।

चौथा मामला बेहद डराने वाला है, जहाँ शादीपुर की एक बीए छात्रा को 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी साजिश का शिकार बनाया गया। ठगों ने फर्जी सीबीआई (CBI) अधिकारी बनकर छात्रा को गंभीर मामले में फंसाने की धमकी दी और डर का माहौल पैदा कर उससे ₹55 हजार ट्रांसफर करवा लिए। इस घटना ने साबित कर दिया है कि साइबर अपराधी अब युवाओं को मानसिक दबाव में लेकर लूट रहे हैं।

मुंगेर साइबर थाना के थानाध्यक्ष सह डीएसपी राकेश रंजन ने बताया कि इन सभी मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस की तकनीकी सेल जांच में जुट गई है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर कोई ऐप या लिंक ओपन न करें। पुलिस ने साफ किया कि कोई भी सरकारी विभाग या बैंक फोन पर निजी जानकारी नहीं मांगता, इसलिए सतर्कता ही साइबर अपराध से बचने का एकमात्र उपाय है।

इम्तियाज़ की रिपोर्ट