Bihar News:आंखों पर पट्टी बांधकर बाबा की नगरी को नतमस्तक हुआ भक्त, भोलेनाथ की भक्ति में हठयोग

श्रद्धा, तपस्या और विश्वास के इस महापर्व में हर कोई अपनी-अपनी भक्ति के रंग में रंगा होता है, लेकिन मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर एक ऐसा अलौकिक दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी को भावविभोर कर दिया।

Bholenath
भोलेनाथ की भक्ति में हठयोग- फोटो : reporter

Bihar News: सावन मास... शिवभक्ति का वो पावन समय, जब हर दिशा "बोल बम" की गूंज से शिवमय हो जाती है। श्रद्धा, तपस्या और विश्वास के इस महापर्व में हर कोई अपनी-अपनी भक्ति के रंग में रंगा होता है, लेकिन मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर एक ऐसा अलौकिक दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी को भावविभोर कर दिया। यहां बाबा भोलेनाथ के एक अनन्य भक्त ने अपनी पूर्ण हुई मनोकामना के उपरांत हठयोग का मार्ग अपनाया और आंखों पर पट्टी बांधकर डाक बम के रूप में बाबा धाम की ओर पैदल निकल पड़े।

दरभंगा निवासी महेंद्र प्रजापति ने बताया कि उन्होंने बाबा भोलेनाथ से एक विशेष अर्जी लगाई थी। जब भोलेनाथ ने उनकी मुराद पूरी कर दी, तो उन्होंने संकल्प लिया कि "अब मैं अपनी आंखों पर पट्टी बांध, केवल मन में बाबा को बसाकर उनके चरणों में जल चढ़ाने जाऊंगा।" उनके साथ सिवान निवासी राजेंद्र प्रसाद यादव भी इस कठिन यात्रा में सहयोगी बने हैं।

यह कोई साधारण यात्रा नहीं, यह आस्था की वो पराकाष्ठा है जहाँ दृष्टिहीन होकर चलने वाला भक्त वास्तव में केवल शिवदृष्टि से संचालित हो रहा है। आंखें बंद हैं, लेकिन मन पूरी तरह बाबा में लीन। उन्होंने कहा, "हमारी आंखों में अब कुछ नहीं चाहिए, बस बाबा ही बसे रहें। यह यात्रा उनके चरणों में समर्पण का प्रतीक है।"

मुंगेर से गुजरते हुए कांवरिया पथ पर जैसे ही लोगों ने आंखों पर पट्टी बांधकर चल रहे इस श्रद्धालु को देखा, भीड़ ठहर गई, निगाहें झुक गईं और श्रद्धा गहरी हो गई। कच्ची कांवर पर ये दृश्य आज भी शिवभक्तों को दिखाता है कि सच्ची भक्ति में आंखों से नहीं, हृदय से देखा जाता है।

भक्त महेंद्र प्रजापति ने बताया कि वे 24 घंटे के भीतर बाबाधाम पहुंच कर जल अर्पित करेंगे। इस अद्वितीय तपस्या ने हर राहगीर को एक संदेश दे दिया — "जब मन में भोले हों, तो राह कैसी भी हो, मंज़िल बाबा के दरबार तक ही जाती है।"

रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान