Bihar BPSC Teacher: वाह रे बिहार का डिमांडिंग दूल्हा! सरकारी टीचर बनते ही बढ़ा लिया रेट, करने लगा ज्यादा दहेज की मांग, शिक्षा विभाग के पास पहुंचा मामला
Bihar BPSC Teacher: बिहार में BPSC से चयनित कुछ शिक्षकों के खिलाफ दहेज मांगने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। जानिए इन मामलों की विस्तार से जानकारी, शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया और संभावित विभागीय कार्रवाई।

Bihar BPSC Teacher: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और योग्य उम्मीदवारों को शिक्षक नियुक्त करने का उद्देश्य था कि समाज में शिक्षा के स्तर के साथ-साथ सामाजिक चेतना और नैतिकता भी बढ़े।
लेकिन अब कुछ नवनियुक्त शिक्षक इस उद्देश्य को धूमिल करते दिख रहे हैं। मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित अन्य जिलों में ऐसे शिक्षक दहेज मांगने के आरोपों में घिर गए हैं, जिससे न केवल संबंधित परिवारों को सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि शिक्षा विभाग की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।
मुजफ्फरपुर में मामला
21 मई 2025 को मुजफ्फरपुर में एक पीड़िता के परिवार ने जिला शिक्षा कार्यालय (DEO) में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार वर पक्ष ने जब युवक प्राइवेट जॉब करता था तो विवाह के लिए सहमति दी थी। लेकिन BPSC शिक्षक नियुक्त होते ही उसकी दहेज मांग कई गुना बढ़ गई – वेतन का हवाला देते हुए अब 50,000 रुपये मासिक से ऊपर की मांग रखी गई।शादी से इनकार के बाद लड़की के परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है। यह न केवल भावनात्मक पीड़ा है, बल्कि सामाजिक भेदभाव और आर्थिक शोषण की भी मिसाल है।
दरभंगा में भी दर्ज हुई शिकायतें
दरभंगा जिला शिक्षा अधिकारी को भी इसी प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें न केवल आरोपी शिक्षक का नाम, बल्कि उसका स्कूल भी स्पष्ट रूप से दर्ज है। DEO ने तत्काल जांच के आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि शिक्षकों का आचरण समाज के लिए उदाहरण होता है। ऐसे आरोपों को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
2024 में भी मिले थे ऐसे संकेत
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह स्वीकार किया कि यह कोई नया चलन नहीं है। 2024 में भी BPSC चयन के बाद शिक्षकों की शादियों में दहेज मांग औसतन 40% तक बढ़ गई थी। कुछ नियुक्त शिक्षकों ने अपनी नौकरी का गलत फायदा उठाकर विवाह को लेन-देन का सौदा बना दिया, जिससे समाज में शिक्षक की छवि को ठेस पहुंची।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया: सख्ती से होगी कार्रवाई
बिहार के शिक्षा विभाग ने सभी DEO को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में तत्काल जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें, और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो विभागीय कार्रवाई की जाए। इसमें नौकरी निलंबन,वेतन रोक,अनुशासनात्मक जांच,पुलिस शिकायत शामिल है।