Bihar News: एसकेएमसीएच में मौत के बाद ‘महाभारत’, लापरवाही पर बवाल, डॉक्टर-परिजन भिड़े, चले लाठी-डंडे

डॉक्टरों ने मरीज को देखकर कहा "सब ठीक है, घर ले जाइए", लेकिन चंद मिनटों में तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई और फिर शुरू हुआ हंगामा-ए-आलम...

 Doctors and Relatives clashed
एसकेएमसीएच में मौत के बाद ‘महाभारत’- फोटो : reporter

Bihar News: बिहार के मुजफ़्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड बुधवार की रात मौत, मातम और मारकाट का मैदान बन गया। मीनापुर से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल रघुनाथ सिंह को उनके परिजन बदहवास हालत में इलाज के लिए लाए थे। लेकिन अफसोस, इलाज तो दूर की बात, मरीज की जान भी ना बच सकी  और फिर शुरू हुआ हंगामा-ए-आलम।

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को देखकर कहा  "सब ठीक है, घर ले जाइए", लेकिन चंद मिनटों में तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई। इसके बाद ग़ुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों पर ‘जानबूझकर लापरवाही’ और ‘मौत का सौदागर’ होने का आरोप जड़ते हुए अस्पताल परिसर को जंग का मैदान बना दिया।

चश्मदीदों के मुताबिक, बात इतनी बिगड़ी कि परिजन और डॉक्टर आमने-सामने आ गए । हाथापाई से लेकर लाठी-डंडों तक की नौबत आ गई। इसमें एक महिला परिजन को माथे पर गहरी चोट लगी और खून बहने लगा, वहीं एक डॉक्टर को भी चोटें आईं। कुछ देर के लिए इमरजेंसी वार्ड का माहौल ऐसा था जैसे अस्पताल नहीं, अखाड़ा हो।"इलाज नहीं, तकरार हुई, अस्पताल नहीं, अदावत हुई" ऐसा कह रहे हैं वहां मौजूद दूसरे मरीज।

हालात बेकाबू होते देख मेडिकल ओपी की पुलिस मौके पर पहुँची। प्रभारी सरवरी खातून ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से आवेदन मिला है और वार्ता की जा रही है। दूसरी ओर, एसकेएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार खुद मौके पर पहुंचे और इमरजेंसी सेवाओं को बहाल करवाया।

हालांकि स्थिति अब सामान्य बताई जा रही है, लेकिन सवाल ज़िंदा है — क्या अस्पतालों में अब इलाज से ज़्यादा इंतज़ाम और इंतेज़ार रह गया है? क्या डॉक्टर और परिजन के बीच भरोसे की दीवार गिरती जा रही है?

अस्पताल जहां ज़िंदगी की आख़िरी उम्मीद होती है, अगर वहीं लाठी-डंडे बोलें, तो इलाज नहीं, इंसाफ़ की ज़रूरत है।इस घटना ने एक बार फिर ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि "बिहार का स्वास्थ्य तंत्र बीमार है या लाचार?"

रिपोर्ट-मणि भूषण शर्मा