Bihar News : मुजफ्फरपुर में एक साथ उठीं चार अर्थियां, पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचे शवों को देख लोगों की नम हुई आँखें
Bihar News : मुजफ्फरपुर में पोस्टमार्टम के बाद चार शव गाँव पहुंचे. जिसके बाद लोगों की आँखे नम हो गयी.....पढ़िए आगे
MUZAFFARPUR : जिले के सकरा थाना क्षेत्र अंतर्गत नवलपुर मिश्रौलिया गांव में हुई हृदयविदारक घटना के बाद आज पूरा इलाका शोक की लहर में डूबा है। पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद चारों शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। जैसे ही एंबुलेंस से अमरनाथ राम और उनकी तीन मासूम बेटियों के शव गांव पहुंचे, पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई। इस मंजर को देख वहां मौजूद हर ग्रामीण की आंखें नम हो गईं और गांव का माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया।
यह दर्दनाक घटना देर रात की है, जहां अमरनाथ राम ने कथित तौर पर एक खौफनाक कदम उठाते हुए पहले अपने पांचों बच्चों को घर के फंदे से लटकाया और फिर खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी। इस भयानक कांड में अमरनाथ राम (40 वर्ष) और उनकी तीन बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि, नियति को कुछ और ही मंजूर था; इस घटना में अमरनाथ के दो छोटे बेटे चमत्कारिक रूप से बच गए, जिनकी जान सुरक्षित है, लेकिन उनके सिर से पिता और बहनों का साया हमेशा के लिए उठ गया।
घटना की भयावहता को देखते हुए पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। सूचना मिलते ही सकरा थाना पुलिस के साथ डीएसपी ईस्ट-2 मनोज कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) सुशील कुमार और तिरहुत रेंज के डीआईजी जयंतकांत समेत तमाम बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम और वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया और साक्ष्य जुटाए, जिसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए मुजफ्फरपुर भेजा गया था। ग्रामीणों के अनुसार, परिवार की माली हालत और कुछ निजी तनाव इस आत्मघाती कदम के पीछे की वजह हो सकते हैं, हालांकि पुलिस अभी हर पहलू पर जांच कर रही है। अब गांव में एक साथ चार अर्थियां निकलने की तैयारी हो रही है। पिता के साथ उनकी तीनों बेटियों का अंतिम संस्कार एक ही घाट पर किया जाएगा। यह दृश्य इतना मर्मस्पर्शी है कि गांव का कोई भी शख्स अपने आंसू नहीं रोक पा रहा है।
इस पूरी त्रासदी में सबसे दुखद पहलू अमरनाथ के वे दो मासूम बेटे हैं, जो इस घटना में जीवित बच गए। वे अब भी यह समझ पाने की स्थिति में नहीं हैं कि आखिर एक ही रात में उनका पूरा परिवार कैसे बिखर गया। घर के बचे हुए ये 'दो चिराग' अब पूरी तरह अकेले पड़ गए हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं दिख रहा। पूरा गांव अब इन बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है।
उधर जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सकरा प्रखंड अंतर्गत घटित दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना एवं सहानुभूति प्रकट की है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन इस कठिन घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और नियमानुसार सभी आवश्यक सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया है कि मृतकों के अंतिम संस्कार हेतु कबीर अंत्येष्टि योजना के अंतर्गत प्रति मृतक ₹3000 की दर से पंचायत स्तर पर राशि दिया गया है, ताकि परिजनों को तात्कालिक सहायता मिल सके। इसके अतिरिक्त, घटना में प्रभावित दोनों नाबालिग बच्चों—शिवम (उम्र 7 वर्ष) एवं चंदन (उम्र 4 वर्ष)—के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से परवरिश योजना के अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 की दर से 18 वर्ष की आयु तक सहायता राशि उपलब्ध कराने हेतु त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सकरा को दिया गया है। जिलाधिकारी ने इस प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने को कहा है।
बच्चों की शिक्षा एवं समुचित देखभाल को ध्यान में रखते हुए दोनों बच्चों का नामांकन डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय, पोखरैरा में करा दिया गया है। साथ ही, वर्तमान शीतकालीन परिस्थितियों को देखते हुए बच्चों को आवश्यक गर्म कपड़े भी उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने स्पष्ट किया है कि उपर्युक्त सहायता के अतिरिक्त भी यदि कोई अन्य सरकारी सहायता नियमानुसार देय होगी, तो उसे भी सुनिश्चित रूप से प्रदान किया जाएगा। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पीड़ित परिवार के साथ निरंतर संपर्क में रहकर हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाए।
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट