Bihar News : मुजफ्फरपुर सामूहिक ख़ुदकुशी मामला : अब CID ने संभाली जांच की कमान, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर कसा शिकंजा

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MUZAFFARPUR : जिले के सकरा थाना क्षेत्र अंतर्गत रूपनपट्टी मथुरापुर पंचायत के मिश्रौलिया गांव में बीते दिनों एक खौफनाक घटना सामने आई थी। यहाँ अमरनाथ राम ने अपनी तीन बेटियों और दो बेटों के साथ फंदे से झूलकर जान देने की कोशिश की थी। इस दर्दनाक हादसे में अमरनाथ राम और उनकी तीन बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके दो मासूम बेटों की जान चमत्कारिक रूप से बच गई। एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत की खबर ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया था, जिसके बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों और अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी तुषार कुमार ने मौके पर पहुँचकर पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता मुहैया कराई थी।

जांच के लिए सीआईडी (CID) की टीम ने डाला डेरा

मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए अब इसकी जांच का जिम्मा सीआईडी ने संभाल लिया है। सीआईडी के डीआईजी जयंत कांत के नेतृत्व में एक विशेष टीम घटनास्थल पर पहुँची और बारीकी से साक्ष्य एकत्रित किए। डीआईजी जयंत कांत ने बताया कि यह एक अत्यंत दुखद और गंभीर घटना है। शुरुआती जांच में मृतक अमरनाथ राम के मोबाइल फोन और कुछ कागजातों से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। सीआईडी अब इन तकनीकी और दस्तावेजी सबूतों के आधार पर आत्महत्या के पीछे के असली कारणों की तह तक जाने में जुटी है।

मृतक के मोबाइल से मिले अहम सुराग

सीआईडी की शुरुआती तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि मृतक के पास मौजूद कुछ पेपर्स और मोबाइल डेटा से घटना के तार जुड़े हो सकते हैं। पुलिस इन सुरागों के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर किन परिस्थितियों ने एक पिता को इतना कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया। सूत्रों की मानें तो आर्थिक तंगी और कर्ज का दबाव इस पूरी घटना के केंद्र में हो सकता है, जिसे लेकर सीआईडी हर संभावित कोण से जांच को आगे बढ़ा रही है।

अवैध 'गुंडा बैंक' और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर छापेमारी

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने अवैध रूप से चल रहे कर्ज के धंधे पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुजफ्फरपुर पुलिस ने सकरा थाना क्षेत्र में संचालित कई माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के दफ्तरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि क्षेत्र में करीब दो दर्जन माइक्रो फाइनेंस कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें से मात्र चार ही निबंधित (रजिस्टर्ड) हैं। शेष कंपनियां बिना किसी वैध लाइसेंस के ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज बांटकर गरीबों का शोषण कर रही हैं।

निर्दोषों के शोषण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी

बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे इन 'गुंडा बैंकों' के खिलाफ अब प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। पुलिस और सीआईडी यह पता लगा रही है कि क्या अमरनाथ राम भी इन अवैध कंपनियों के मकड़जाल में फंसे थे। अवैध रूप से संचालित इन वित्तीय संस्थानों पर कार्रवाई शुरू होने से इलाके के सूदखोरों और फर्जी फाइनेंस कंपनियों में हड़कंप मच गया है। आने वाले दिनों में इन अवैध संस्थानों को बंद करने और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजने की बड़ी तैयारी की जा रही है।

मणिभूषण की रिपोर्ट