कर्ज के फंदे में पूरा परिवार खत्म: मुजफ्फरपुर में 4 मौतों पर सियासत तेज, कांग्रेस ने सरकार को घेरा- 'बयानबाजी छोड़ माइक्रोफाइनेंस के आतंक पर लगाम लगाएं

माइक्रोफाइनेंस कर्ज के दबाव में 4 लोगों की आत्महत्या ने सबको झकझोर दिया है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने पीड़ित परिवार से मिलकर सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा- सरकार बयानबाजी बंद करे और 'वसूली गैंग' पर लगाम लगाए।

कर्ज के फंदे में पूरा परिवार खत्म: मुजफ्फरपुर में 4 मौतों पर

Muzaffarpur - मुजफ्फरपुर में कर्ज के दबाव में एक पिता द्वारा बच्चों सहित फांसी लगाकर आत्महत्या करने की दिल दहला देने वाली घटना ने सूबे की राजनीति को गरमा दिया है। इस सामूहिक आत्महत्या कांड, जिसमें चार लोगों की जान गई, को लेकर बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने आज घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला। राजेश राम ने साफ लफ्जों में कहा कि यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि राज्य सरकार की "नीतिगत विफलताओं" और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।

"माइक्रोफाइनेंस का आतंक, सरकार खामोश"


 प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बिहार में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और बैंकों का आतंक चरम पर है। गरीब और बेरोजगार लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं और कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं। उन्होंने कहा, "सरकार इन कंपनियों पर लगाम लगाने के बजाय सिर्फ मीडिया में बयानबाजी कर रही है। अत्यधिक गरीबी और बेरोजगारी ने लोगों को मौत को गले लगाने पर मजबूर कर दिया है।"

"जीवित बच्चों की जिम्मेदारी और मुआवजे की मांग" 

कांग्रेस अध्यक्ष ने घटना में जीवित बचे बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सरकार के सामने तीन प्रमुख मांगें रखीं: जिसमें  पीड़ित परिवार को तत्काल समुचित आर्थिक सहायता देने, परिवार के जीवित बचे बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाए और   माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की कार्यप्रणाली और उनके द्वारा दिए जा रहे मानसिक दबाव की उच्चस्तरीय जांच शामिल है।

ये रहे मौजूद 

इस दौरान राजेश राम के साथ वरिष्ठ नेता ब्रजेश प्रसाद मुनन, मयंक मुन्ना और स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो पार्टी इसे सक्षम मंच पर उठाएगी।

रिपोर्ट - नरोत्तम कुमार