RJD MLA: राजद विधायक के फिर बिगड़े बोल,कहा- 'महागठबंधन की सरकार आई तो अफसरशाही को कुचल देंगे', मंच से प्रशासन को दी सीधी चेतावनी
राजद विधायकने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा बयान दे डाला जिसने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी। मंच से खुलेआम प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि "महागठबंधन की सरकार बनी तो अफ़सरशाही को कुचल देंगे"।

Bihar News: बिहार की सियासत में चुनावी बयार के साथ ही बयानबाज़ी का पारा चढ़ने लगा है। मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक मुन्ना यादव ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा बयान दे डाला जिसने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी। मंच से खुलेआम प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि "महागठबंधन की सरकार बनी तो अफ़सरशाही को कुचल देंगे"।
मुन्ना यादव ने भीड़ के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज बिहार दोहरी लूट का शिकार है एक तरफ़ अपराधी जनता को लूट रहे हैं और दूसरी तरफ़ प्रशासन अपनी मनमानी से आम लोगों को परेशान कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी सत्ता के डर से बेख़ौफ़ होकर जनप्रतिनिधियों की बात तक नहीं सुनते।
विधायक ने आगे कहा, "बिहार में जो ‘दलाली प्रथा’ सालों से चली आ रही है, उसे जड़ से ख़त्म कर दिया जाएगा। सत्ता में आने के बाद अफ़सरशाही को सबक़ सिखाया जाएगा।" उनके इस बयान पर मौजूद भीड़ ने तालियाँ बजाकर समर्थन जताया, लेकिन राजनीतिक विरोधियों ने इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सीधा हमला करार दिया।मीनापुर में आयोजित कुशवाहा सम्मान समारोह रविवार को सियासी गर्मी का केंद्र बन गया, जब राजद विधायक मुन्ना यादव ने सभा को संबोधित करते हुए प्रशासन और ‘दलाली प्रथा’ पर सीधा हमला बोला। भीड़ के बीच माइक संभालते ही उन्होंने कहा—"बिहार को एक ओर अपराधी लूट रहे हैं, दूसरी ओर प्रशासन। इन लोगों को सत्ता का कोई भय नहीं। अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातें नहीं सुनते।"
उन्होंने दावा किया कि बिहार में वर्षों से चल रही दलाली प्रथा को राजद की सरकार आते ही ख़त्म कर दिया जाएगा। मंच से मुन्ना यादव ने यह भी कहा, "चुनाव आते-जाते रहेंगे, लेकिन मीनापुर में भाईचारा बरकरार रहेगा। मैं 10 वर्षों से धर्म-जाति की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ता आया हूं। मीनापुर में शांति भंग करने वालों को बख़्शा नहीं जाएगा।"
कुशवाहा समाज के सम्मान की बात करते हुए विधायक ने कहा कि इस समाज को सबसे ज़्यादा सम्मान राजद ने दिया है। लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है, और वोटर लिस्ट से नाम काटकर मतदाताओं के साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने नाम वोटर लिस्ट में ज़रूर जांच लें।भावुक होते हुए उन्होंने कहा, "भाईचारे के लिए अगर मुझे शहीद भी होना पड़े तो कोई ग़म नहीं।" भीड़ में मौजूद समर्थकों ने तालियों और नारों के साथ उनका समर्थन जताया।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब विधायक मुन्ना यादव अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आए हों। इससे पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सवर्ण समुदाय को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उस समय उन्होंने कहा था कि बिहार की गद्दी पर बहुजन समाज का ही राज रहेगा और मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा जैसे नामों का "गुजारा" नहीं होगा।वीडियो पर उठे बवाल के बाद विधायक ने सफाई देते हुए कहा था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और उनका उद्देश्य किसी भी जाति के लोगों की भावनाएं आहत करना नहीं था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी मौसम में ऐसे बयानों का असर वोट बैंक पर पड़ सकता है, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था के लिए यह गंभीर चुनौती का संकेत है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस बयान को राजद की "मानसिकता का आईना" बताया है, जबकि समर्थकों का कहना है कि विधायक ने जनता की नाराज़गी को आवाज़ दी है। मुन्ना यादव का यह बयान न सिर्फ़ सियासी पिच को गरमा रहा है, बल्कि अफ़सरशाही और राजनीतिक प्रतिनिधियों के बीच चल रहे तनाव को भी उजागर कर रहा है। सवाल यह है कि क्या यह केवल चुनावी जुमला है या सत्ता में आने के बाद वाक़ई प्रशासनिक ढांचे पर कार्रवाई की शुरुआत होगी?
रिपोर्ट-मणिभूषण शर्मा