Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा, सक्षमता परीक्षा पास इतने शिक्षकों की जाएगी नौकरी, वजह जान चौंक जाएंगे आप...
Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया हैै। जिसके बाद अब कई शिक्षकों पर तलवार लटक गई है। इन शिक्षकों को 15 मई तक का समय दिया गया है अगर शिक्षक विभाग के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो उनकी नौकरी भी जा सकती है...

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए विभाग और एसीएस सिद्धार्थ के द्वारा तमाम कोशिशें की जा रही है। लेकिन विभाग में ही बैठे कुछ अधिकारियों के द्वारा विभाग के आंखों में धूल झोंका जा रहा है। लगातार फर्जीवाड़े किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक फर्जीवाड़े की परतें अब खुलती जा रही है। इस बार शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी लेने का मामला सामने आया है। प्रदेश के 12 जिलों से चयनित 24 शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं। ये सभी अभ्यर्थी हाल में आयोजित स्थानीय निकाय शिक्षक सक्षमता परीक्षा 2024 (द्वितीय) में सफल घोषित किए गए थे।
शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने इन अभ्यर्थियों को 8 मई को पटना स्थित विभागीय सभागार में दस्तावेज जांच के लिए बुलाया था, लेकिन केवल 6 अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। शेष 18 अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति ने संदेह और गहरा कर दिया है। विभाग ने अब इन्हें 15 मई को अंतिम अवसर के रूप में फिर से बुलाया है। यदि वे इस बार भी जांच में शामिल नहीं होते हैं तो उनकी नियुक्ति रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी प्रमाणपत्र पर पाई नौकरी
शुरुआती जांच में BTET, CTET, दक्षता प्रमाणपत्र, नियोजन पत्र समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। वैशाली जिले के संजीत कुमार के मामले को सबसे गंभीर माना जा रहा है। जिनके चार प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। नालंदा के प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि दस्तावेजों की सत्यता की जांच के लिए काउंसलिंग कराई गई थी। जिसमें 24 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए गए। इन सभी को पहले 29 अप्रैल को सूचना देकर 8 मई को जांच के लिए बुलाया गया था।
इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी
फर्जी प्रमाणपत्रों के मामले जिन जिलों से सामने आए हैं उनमें नालंदा से सुनील कुमार, रंजीत कुमार सिंह, रोहतास से पुष्पा कुमारी, बैकुण्ठ साह, गया से मोहम्मद मोजम्मिल हुसैन, आशा कुमारी, संजय कुमार ठाकुर, औरंगाबाद से प्रियंका, हरिनंदन विश्वकर्मा, सुरेन्द्र कुमार सिन्ह, भागलपुर से सुनील कुमार साह, बेगूसराय से फरहत जहां, जहानाबाद से अवनीश कुमार, सीतामढ़ी से पूजा कुमारी, वैशाली से संजीत कुमार, गोपालगंज से ज्योति शर्मा, मधुबनी से मनीष कुमार सिंह और खगड़िया से रंजु कुमारी शामिल हैं।
15 मई तक आखिरी मौका
बिहार माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक अब्दुस अलाम अंसारी ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी प्रतीत हुए हैं। उन्हें अंतिम अवसर दिया गया है। 15 मई को भी अगर वे जांच में शामिल नहीं होते हैं तो विभाग नियुक्ति रद्द कर प्राथमिकी दर्ज करेगा। यह मामला केवल प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि समय रहते जांच नहीं होती तो ये अभ्यर्थी शिक्षक बनकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते।