Bihar Vidhansabha Election 2025 : महागठबंधन की सरकार बनी तो निषादों को साल में मिलेंगे 20 हजार रूपये, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने किया ऐलान

Bihar Vidhansabha Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर वादों का दौर लगातार जारी है. अब वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने निषादों के लिए बड़ी घोषणा की है.....पढ़िए आगे

Bihar Vidhansabha Election 2025 : महागठबंधन की सरकार बनी तो
निषादों के लिए बड़ी घोषणा - फोटो : DEBANSHU

NALANDA : विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी आज निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा 3.0 सरकार बनाओ अधिकार पाओ के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के हिलसा पहुंचे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार हमारी सरकार बनेगी। और जब हमारी सरकार होगी तब निषाद आरक्षण भी मिलना तय है, इसमें किंतु और परन्तु नहीं है।

उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि वीआईपी पार्टी को मजबूत कीजिये, आने वाला समय हमारा है। उन्होंने तीन मंत्र देते हुए कहा कि अपने बच्चों को शिक्षित कीजिये और खुद के अधिकार के लिए संघर्ष कीजिये। उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि आज उनका समाज काफी आगे निकल गया है। उन्होंने कहा कि जो समाज संघर्ष किया है उसकी तरक्की हुई है। उन्होंने लोगों को चेतावनी देते हुए भी कहा कि भाजपा वाले समाज को बांटने की कोशिश कर रहे है, लेकिन हमे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा बांटने की राजनीति कर रही है। उन्होंने एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा कि एकजुट रहिएगा तो अधिकार भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि आज अगर निषाद समाज को सम्मान मिल रहा है तो यह वीआईपी की देन है। आज निषादों की तूती बोल रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2029 के पहले निषाद समाज को आरक्षण मिलना भी तय है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि हिलसा से वीआईपी का उम्मीदवार तय है। उन्होंने लोगों से गाँव -गाँव जाकर लोगों का समर्थन मांगने की अपील करते हुए कहा कि जो जीत गए उनका हीरो बनना तय है। उन्होंने कहा कि अगर अपनी सरकार बनी तो आपके भाई का उप मुख्यमंत्री बनना तय है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अगर महागठबन्धन की सरकार बनी तो सभी निषाद के खाते में तीन महीने 5000 रुपये दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में बी के सिंह, नुरुल होदा, सकलदेव बिंद, प्रदुमन बेलदार, सत्येंद्र बिंद भी उपस्थित रहे।

देबांशु प्रभात की रिपोर्ट