Nalanda shravan kumar attacked: नालंदा में ग्रामीणों ने नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद मंत्री पर गांववालों ने किया हमला! बाल-बाल बचे, जानें कौन है वह शख्स
Nalanda shravan kumar attacked: नालंदा में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और विधायक कृष्ण मुरारी पर ग्रामीणों ने हमला किया। जानें कौन हैं नीतीश कुमार के भरोसेमंद सिपाही श्रवण कुमार।

Nalanda shravan kumar attacked: बिहार के नालंदा जिले में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और हिलसा विधानसभा के विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। मंत्री और विधायक शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के मलावां गांव में पहुंचे थे, जहां हाल ही में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी। जैसे ही वे पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे, गुस्साए ग्रामीणों ने नारेबाज़ी शुरू कर दी और हमला कर दिया। हमले में एक बॉडीगार्ड घायल हो गया। हालात बिगड़ते देख मंत्री और विधायक को अपनी जान बचाकर वहां से निकलना पड़ा। यह घटना बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाली साबित हुई है।
नीतीश कुमार के भरोसेमंद सिपाही-श्रवण कुमार
श्रवण कुमार को बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सिपाहियों में गिना जाता है। वे न केवल नीतीश के सजातीय (कुर्मी समाज) से आते हैं बल्कि नालंदा जैसे महत्वपूर्ण जिले से सात बार लगातार विधायक चुने गए हैं।उनकी सादगी और ज़मीनी जुड़ाव ने उन्हें लंबे समय तक जनता का समर्थन दिलाया। ग्रामीण विकास कार्य मंत्री के रूप में वे वर्तमान में नीतीश सरकार के अहम मंत्री हैं।
जेपी मूवमेंट से शुरू हुआ राजनीति का सफर
68 वर्षीय श्रवण कुमार का राजनीतिक सफर छात्र जीवन से शुरू हुआ। उन्होंने 1970 के दशक में जेपी मूवमेंट के दौरान सक्रिय राजनीति में हिस्सा लिया।1994 में जब समता पार्टी का गठन हुआ, वे नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे।1995 में समता पार्टी के टिकट पर पहली बार नालंदा से विधानसभा पहुंचे।उस चुनाव में समता पार्टी के केवल सात उम्मीदवार जीते थे, जिनमें श्रवण कुमार भी शामिल थे।इसके बाद से वे हर विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं और लगातार नालंदा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
जेडीयू के साथ लंबा सफर और मंत्री पद
2000 के चुनाव में भी वे समता पार्टी के टिकट पर जीते। बाद में जब समता पार्टी का विलय जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) में हुआ तो श्रवण कुमार पूरी तरह जेडीयू के साथ जुड़ गए।उनकी राजनीतिक यात्रा में वे जेडीयू के मुख्य सचेतक रहे।नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की सरकारों में मंत्री पद संभाला।वर्तमान में वे ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में बिहार सरकार का हिस्सा हैं।उनका राजनीतिक करियर तीन दशकों से भी अधिक लंबा है और वे नालंदा की राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं।