LATEST NEWS

Bihar Teachers News : 'बीएओ साहब आप अपने पहले नमूने में ही फेल हो गए', स्कूल की हालत देख एस सिद्धार्थ ने लगा दी क्लास, ऐसे पकड़ा 'झूठ'

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ के औचक निरीक्षण में नवादा में एक स्कूल में शिक्षकों के झूठ को उन्होंने कमरा खुलवाकर पकड़ लिया. वहीं पूरे मामले में वे बीएओ को भी बोलते रहे 'बीएओ साहब आप अपने पहले नमूने में ही फेल हो गए'.

S Siddharth
S Siddharth - फोटो : news4nation

Bihar Teachers News : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ अपनी विशेष कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. शुक्रवार को एक बार फिर से उन्होंने नवादा में विद्यालयों के औचक निरीक्षण के क्रम में वहां के बीएओ को सख्त शब्दों में कहा कहा,'बीएओ साहब आप अपने पहले नमूने में ही फेल हो गए.' साथ ही स्कूल की शिक्षिकाओं को भी सीधे शब्दों में कहा कि आप जो बता रही हैं वह झूठ बोला जा रहा है. 


एस सिद्धार्थ नवादा जिले के सिरदला प्रखंड के निमदा में प्राथमिक विद्यालय गए. वहां मौजूद शिक्षिकाओं की संख्या सिर्फ 4 थी. इसे लेकर जब एस सिद्धार्थ ने सवाल किया तो बताया गया कि एक शिक्षक छुट्टी पर हैं. लेकिन स्कूल में सबकुछ उन्हें ठीक नहीं लगा क्योंकि एक ही कक्षा में एक से अधिक क्लास चल रहा था. 


पहले माले पर दो कमरों में पांच कक्षा चलता देख एस सिद्धार्थ ने शिक्षकों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कमरों की कमी का जिक्र किया. इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि नीचे भी कमरे हैं वहां क्यों नहीं कक्षा संचालित करती हैं. तो जवाब मिला कि नीचे ही एक क्लास चल रहा था जिसे अभी उपर लाया गया है. बच्चे इसलिए एक जगह एक कमरे में पढ़ रहे हैं. 


हालाँकि एस सिद्धार्थ को यह जवाब संतुष्ट करने वाला नहीं रहा. उन्होंने शिक्षकों को नीचे के कमरे खोलने के लिए कहा और उन्हें लेकर नीचे चले गए. वहां एक कमरे में किचन, एक में कार्यालय था. उसका ताला खुलवाकर उन्होंने तमाम चीजों को देखा. बाद में एक कमरे में गए तो वहां मात्र एक बेंच लगा था. इसी कमरे में बच्चों के पढाये जाने की बातें शिक्षिकाओं ने की थी. एस सिद्धार्थ ने कमरे का हाल देखकर जहां शिक्षकों को कहा कि आप झूठ बोल रही हैं. वहीं उनके साथ मौजूद बीएओ को कहा- 'बीएओ साहब आप अपने पहले नमूने में ही फेल हो गए.

चिमनी भट्ठा पर निरीक्षण

बाद में एस सिद्धार्थ ने स्कूल नहीं जाने छात्रों की पहचान करने के लिए अनोखी पहल की. नतीजा रहा कि वे एक चिमनी भट्ठे पर पहुंच गए और वहां बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों से भी बात की. उन्होंने गहरी आपत्ति जताई कि छोटे बच्चों को भट्ठे पर लेकर गए हैं लेकिन उन्हें स्कूल नहीं भेजा है. उन्होंने इसे सुधरने की जरूरत पर बल दिया.

Editor's Picks