नवादा में जन सुराज की लहर : डॉ. अनुज कुमार ने फूंका चुनावी बिगुल, 35 साल की जकड़न तोड़ने का संकल्प
Nawada : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभूमि में नवादा सीट पर जन सुराज पार्टी (JSP) के उम्मीदवार डॉ. अनुज कुमार ने पूरी तरह बिगुल फूंक दिया है। राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। ‘दो-दूर एक ही घर’ नामक अनोखे अभियान के जरिए डॉ. कुमार घर-घर पहुंचकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं।
शिक्षा जगत से आए इस उम्मीदवार ने विकास, शिक्षा और रोजगार को अपना मुख्य हथियार बनाया है, जिससे विरोधी खेमे में बेचैनी साफ दिख रही है। आयोजित जनसभा में डॉ. अनुज कुमार ने हजारों की भीड़ सभी समाज के लोगों को संबोधित करते हुए 35 साल पुरानी राजनीतिक जकड़न पर करारा प्रहार किया।
उन्होंने कहा, 35 वर्षों तक आपने हर दल की राजनीति देखी, लेकिन नवादा आज भी पिछड़ा हुआ है। नेता बदलते हैं, दल बदलते हैं, पर उम्मीदवार वही पुराने चेहरे। जिन्होंने नवादा की धरती पर कब्जा जमाया, वे ही बार-बार सत्ता के खेल में हैं। अब समय है बदलाव का।
डॉ. कुमार ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद नवादा को ‘विकसित और सुंदर नवादा’ बनाना है। शिक्षा को जगाने के लिए उन्होंने कई योजनाएं शुरू की हैं। मैं शिक्षा जगत से आता हूं। बेहतर पढ़ाई होगी, तभी युवाओं को रोजगार मिलेगा। संसाधन बढ़ेंगे, सपने पूरे होंगे, उन्होंने जोर देकर कहा। उनकी सभाओं में युवाओं की भारी भीड़ और महिलाओं का उत्साह यह संकेत दे रहा है कि जनता बदलाव की ओर झुक रही है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का चेहरा बनकर डॉ. अनुज कुमार ने नवादा में नई राजनीतिक हवा बहा दी है। विरोधी दलों के नेता भले ही इसे ‘अस्थायी उबाल’ कहकर खारिज कर रहे हों, लेकिन सड़कों पर दिख रही भीड़ और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
स्थानीय लोग बता रहे हैं कि पहली बार कोई उम्मीदवार शिक्षा और रोजगार को इतनी गंभीरता से चुनावी मुद्दा बना रहा है।नवादा विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से पारंपरिक दलों के कब्जे में रहा है। लेकिन इस बार त्रिकोणीय या चौकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। जन सुराज की एंट्री ने समीकरण बदल दिए हैं। जो क्षेत्र में निर्णायक मतदाता है, डॉ. कुमार के पक्ष में एकजुट होता दिख रहा है। महिलाएं भी उनकी ‘शिक्षा क्रांति’ की बात से प्रभावित हैं।
डॉ. कुमार का ‘आशीर्वाद यात्रा’ अभियान भी जोरों पर है। हर गली, हर मोहल्ले में वे लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और समाधान का भरोसा दे रहे हैं। एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा, 35 साल में किसी ने हमारी सुनवाई नहीं की। यह डॉक्टर साहब पहली बार घर आए, बात की, भरोसा दिया।”चुनावी मैदान में अभी कई दिन बाकी हैं, लेकिन नवादा में जन सुराज की यह लहर बता रही है कि 2025 का चुनाव पुराने ढर्रे पर नहीं लड़ा जाएगा।
डॉ. अनुज कुमार ने न केवल उम्मीद जगाई है, बल्कि नवादा की जनता को यह विश्वास भी दिलाया है कि बदलाव संभव है। अब नजर इस बात पर है कि क्या यह उबाल वोट की चोटी तक पहुंच पाएगा या नहीं।
रिपोर्ट - अमन सिन्हा